पलाश की जड़ से बनाते थे रहट की रस्सी
वनप्रेमी तथा खेल छात्रावास तीजवड़ के अधीक्षक राजेश परमार पलाश सहित देसी वनस्पतियों के पौध स्वयं के स्तर पर तैयार कर बांट रहे हैं। परमार ने बताया कि गत वर्ष भी उन्होंने पीले एवं लाल पलाश के सीड्स संग्रहण कर पौध तैयार कर बांटे थे। इस वर्ष भी पत्रिका के आह्वान पर वह मुख्यत: पीले पलाश के सीड्स संग्रहण करेंगेे तथा कम से कम 50 पौध तैयार कर पीत वृक्ष को पल्लिवत करने वालों को नि:शुल्क देंगे। परमार ने बताया कि पलाश की जड़ों से पूर्व में रस्सी बनाते थे। यह रस्सी रहट में काम में लेते थे। लेकिन, अब रहट ही कम हो गए हैं। ऐसे में पलाश की रस्सी की भी प्रासंगिकता कम हो गई।