दुमका के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने गैंगरेप और हत्याकांड के तीनों अभियुक्तों मीठू राय, पंकज मोहली और अशोक राय को भारतीय दंड विधान की धारा 366, 376ए, 376डी, 302, 201/34 के तहत दोषी करार दिए जाने के कुछ घंटे बाद ही सजा सुना दी। संभवत: यह देश में पहला उदाहरण है जब इस तरह के जघन्य अपराध के मामले में इतनी जल्दी फैसला सुनाया गया है।
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गौरतलब है कि मीठू राय नामक आरोपी जो कि रिश्ते में पीड़िता का चाचा लगता है, 5 फरवरी की शाम सरस्वती मेला दिखाने के लिए उसे ननिहाल से ले गया था। आरोप है कि मेले में बच्ची को गोलगप्पे खिलाने के बाद शौच करवाने के बहाने कुसुमडीह बहियार में ले जाकर उसने अपने दो साथियों के साथ बच्ची से रेप व अप्राकृतिक यौनाचार किया। आरोपियों ने बच्ची का गला दबाकर उसकी हत्या कर शव दफना दिया था। इस दिल दहला देने वाले कांड का खुलासा 7 फरवरी को तब हुआ था जब रामगढ़ के कुसुमडीह बहियार से मासूम बच्ची का शव बरामद किया गया। पुलिस ने नामजद अभियुक्त मीठू राय को 11 फरवरी को मुम्बई से और उसके दोनों साथियों पंकज मोहली एवं अशोक राय को पोड़ैयाहाट (गोड्डा) से गिरफ्तार कर तीनों अभियुक्तों को 12 फरवरी को कोर्ट में प्रस्तुत किया। गिरफ्तारी के 14 दिनों के अंदर अनुसंधानकर्ताओं ने तीनों अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया।
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अदालत ने 26 फरवरी को इस केस में संज्ञान लिया। 27 फरवरी को तीनों आरोपियों पर आरोप गठित करने के बाद 28 फरवरी से इस केस का ट्रायल शुरू हुआ। शुक्रवार को ट्रायल शुरू होने के बाद शनिवार को भी दिनभर मामले की सुनवाई हुई। अदालत में सोमवार को गवाही की प्रक्रिया पूरी करने के लिए देर रात तक सुनवाई हुई। मंगलवार दोपहर करीब सवा एक बजे तीनों आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया। करीब साढ़े तीन बजे तीनों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गई।
इनको फांसी दे दों- पीड़िता की मां रोते हुए बोलीं
इस मामले में फैसला सुनाने से पहले न्यायाधीश मोहम्मद तौफीकुल हसन ने पीड़िता के परिजनों को बुलाकर बातचीत की। उन्होंने पूछा कि यह तीनों आपकी बच्चे के दोषी है, इन्होंने ही रेप और हत्या की है, इन्हें क्या सजा देना चाहते है आप। परिवार के सभी लोगों ने एक साथ फांसी देने की मांग की। इस दौरान बच्ची की मां रोने लगी, अपनी भाषा में बोलीं- बहुत खराब से हमारे बेटी के साथ करलको, बड़ी खराब मारलको एकरा फांसी दे दें।