जानें कैसे रखें ध्यान…
दर्द यानी रोग की शुरुआत…
दांतदर्द कोई बीमारी नहीं बल्कि कई रोगों का एक लक्षण भी है। इसकी शुरुआत मसूड़ों में सूजन और कैविटी बनने से होती है। कैविटी से दर्द के मामले ज्यादा होते हैं। लंबे समय तक इनका उपचार न कराने पर दांतों में सडऩ, पायरिया, सेंसिटिविटी, जबड़े और सिर में दर्द की शिकायत हो सकती है।
पायरिया मसूढ़ों और हड्डी की बीमारी है जिसमें सांसों में बदबू आना व दांतों से खून निकलता है। इसके अलावा ज्यादातर लोगों को सेंसिटिविटी की दिक्कत होने के चलते ठंडा-गर्म खानेपीने पर दर्द होता है।
ऐसे में क्या करें…
कुछ खाते समय दांतों में कुछ फंस जाने, कैविटी बनने, नया दांत निकलने या कोई सख्त चीज काटने के कारण दांतों में दर्द होने लगता है। ऐसे में गर्म पानी से कुल्ला करें। या धागे की मदद से दांतों में फंसा अंश निकालें, इसे फ्लॉसिंग कहते हैं।
गर्भवती महिलाएं रखें ध्यान..
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण मसूढ़ों में सूजन, लाल रहना व खून आने की समस्या होती है। प्रेग्नेंसी से पहले दांतों की जांच कराएं ताकि शिशु प्रभावित न हो।
ये ध्यान रखें
हल्के दबाव से २-३ मिनट तक ब्रश करें। हर तीन माह में ब्रश बदलें व सॉफ्ट ब्रिसल वाले ब्रश का इस्तेमाल करें।
पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक मिलाकर सोने से पहले कुल्ला करें।
संतरे के छिलके को अंदर की तरफ से हल्के हाथ से दांतों पर रगड़ें।
तुलसी का पेस्ट बनाएं, उसमें थोड़ी चीनी मिला लें। पानी में शहद मिलाकर गरारा करना भी लाभ देता है।