शिशु की आंख से पानी आने के हो सकते हैं ये कारण
1. आंख में इंफेक्शन
नवजात शिशु की आंख में जन्म से इंफेक्शन होने के कारण भी आंख से पानी गिरने की समस्या हो सकती है। इंफेक्शन के कारण आंख से पानी आना, आंख की पलकों में सूजन, आंख लाल होना, आंख के चिपकने जैसी समस्याए अगर नजर आ रहीं तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। शिशु को को इंफेक्शन से बचाने के लिए लोगों के ज्यादा करीब नहीं रखना चाहिए।
आंख के बीच में मौजूद काले रंग के भाग को कॉर्निया कहते हैं। कॉर्निया में इंफेक्शन होने पर भी शिशु की आंख से लगातार पानी गिरता रहता है। शिशु की आंख में दर्द, आंख चिपकना, लाल होने के लक्षण अगर दिखे तो इसे गंभीरता से लें। कॉर्निया में इंफेक्शन एक गंभीर समस्या है जिसमें आंख की पुतली में घाव हो सकता है।
3. आंसू की नली बंद होना
शिशु के आंख में हमेशा आंसू भरे रहने का एक बड़ा कारण उसकी आईडक्ट यानी आंसू की नली बंद होना होता है। इस नली की मदद से आंख में लगातार बनने वाले आंसू नाक के रास्ते गले में जाते हैं पर जब ये नली ब्लॉक हो जाती है तो आंख से लगातार पानी गिरने लगता है। इससे इंफेक्शन भी हो सकता है। कई बार नाक और आंख के कोने में मालिश करते हुए भी ये डक्ट खुल जाती है, लेकिन अगर ये न खुले तो एक माइनर सर्जरी करानी पड़ती है।
प्रीमैच्योर बच्चों में रेटिनोपैथी की समस्या देखने को मिलती है। जो बच्चे समय से पूर्व जन्म लेते हैं उनकी आंख का विकास पूरी तरह से नहीं होता है। ऐसे बच्चों की आंख में समस्या हो सकती है। काला मोतियाबिंद होने पर भी बच्चे की आंख से पानी आने की समस्या हो सकती है। ये समस्या भी जन्मजात होती है।
5. नवजात की आंख में फुंसी होना
आंख में फुंसी होने के कारण भी शिशु की आंख से पानी गिरता रहता है। कई बार छोटी फुंसी नजर नहीं आती लेकिन अंदर ही अंदर ये परेशान करती है।
शिशु की आंख में सुरमा, काजल, शहद बिलकुल न लगाएं। इससे कॉर्निया पर बुरा असर पड़ सकता है और वायरस या फंगस का खतरा भी बढ़ता है।
बच्चे को सीधे सूरज की रौशनी से बचाएं।