scriptनींद नहीं, ऑक्सीजन की कमी का संकेत है उबासी, हो सकते हैं घातक परिणाम | lack of oxygen is a sign of yawning | Patrika News
रोग और उपचार

नींद नहीं, ऑक्सीजन की कमी का संकेत है उबासी, हो सकते हैं घातक परिणाम

हमारा दिमाग जितना छोटा है, इसके राज उतने ही गहरे हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक दशकों से इसके राज खोलने में जुटे हुए हैं, फिर भी दिमाग की सभी परतें खुल नहीं पाई हैं। माना जाता है कि हमारा दिमाग इतना सक्षम है कि सुपर कम्प्यूटर भी उसके आगे कुछ नहीं।

Jun 15, 2023 / 06:57 pm

Jyoti Kumar

yawning.jpg

हमारा दिमाग जितना छोटा है, इसके राज उतने ही गहरे हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक दशकों से इसके राज खोलने में जुटे हुए हैं, फिर भी दिमाग की सभी परतें खुल नहीं पाई हैं। माना जाता है कि हमारा दिमाग इतना सक्षम है कि सुपर कम्प्यूटर भी उसके आगे कुछ नहीं। बावजूद इसके, हम इंसान अपने दिमाग का सही और पूरा उपयोग करना सीख ही नहीं पाए हैं। आइए जानते हैं दिमाग से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।

यह भी पढ़ें

रिपोर्ट में दावा! पीए रोजाना शराब और बीमारियों से पाएं छुटकारा, बस ये है शर्त



दिमाग का हर एक न्यूरॉन या सूचनाओं को ले जाने वाली तंत्रिका कोशिका 40 हजार सिनेप्सिस संरचनाओं से जुड़ी होती है। यदि दिमाग के 100 अरब से ज्यादा न्यूरॉन्स को 40हजार सिनेप्सिस से गुणा किया जाए तो दिमाग के कनेक्शन पूरे ब्रह्मांड के तारों से ज्यादा होंगे। हमारा दिमाग शरीर को मिलने वाली कुल ऑक्सीजन के 20% हिस्से का उपयोग करता है। दिमाग शरीर का सबसे मोटा या वसा युक्त अंग है। इसमें कुल वसा का लगभग 60% हिस्सा होता है। हमारे दिमाग का 70 से 75% हिस्सा पानी से बना होता है।

yawning_problem.jpg

जब हम जागते रहते हैं, तो दिमाग 10 से 23 वॉट के बराबर शक्ति उत्पन्न करता है, जो एक बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त होती है। दिमाग में कुल 100 अरब से ज्यादा न्यूरॉन्स कोशिकाएं होती हैं। कई बार किसी दूसरे इंसान को उबासी लेते देख हमें भी उबासी आने लगती है। हमारे दिमाग में कुछ कोशिकाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें नकलची कोशिकाएं भी कहते हैं। अगर ये क्षतिग्रस्त हो जाएं तो इंसान को दूसरे लोगों से रिश्ते और संवाद बनाने में मुश्किल होती है। ऐसे बच्चे जो 5 साल की उम्र में दो भाषाएं सीख जाते हैं, दूसरे बच्चों की तुलना उनके दिमाग की संरचना में बदलाव आ जाता है और जब वे वयस्क होते हैं, तो उनका ग्रे मैटर(सुनने, देखने व महसूस करने की प्रतिक्रिया वाला हिस्सा) ज्यादा घना होता है।

 

यह भी पढ़ें

Smoke करने वाले लोगों के साथ रहना है जानलेवा, कैंसर सहित कई खतरनाक बीमारियों का खतरा



रेत के एक कण के बराबर दिमाग के हिस्से में एक लाख न्यूरॉन्स और एक अरब सिनेप्सिस होते हैं और सभी एक-दूसरे से जुड़कर बातें करते हैं। जब ब्रीदिंग यानी सांस लेने की गति धीमी हो जाती है, तो शरीर को बहुत कम ऑक्सीजन मिल पाती है। ऐसे में रक्त को ऑक्सीजन की पूर्ति करने और कार्बन-डाइऑक्साइड निकालने के लिए उबासी आती है। औसतन हमारे दिमाग में हर रोज 50 से लेकर 70 हजार तक विचार पैदा हो सकते हैं। रिसर्च से पता चला है कि हमारे दिमाग में सूचनाएं 268 मील प्रति घंटा की गति से आती-जाती हैं। लेकिन जब कोई इंसान शराब पी लेता है,तो यह गति कम हो जाती है और लगता है कि उसे नशा चढ़ गया है। संवेदनाएं और भावनाएं भले ही दिमाग में पैदा होती हों, लेकिन हमारे दिमाग को खुद कोई दर्द महसूस नहीं होता क्योंकि इसमें दर्द ग्रहण करने वाले रिसेप्टर्स होते ही नहींं। सिरदर्द, सिर के पैन रिसेप्टर्स से आता है और इसीलिए इसे हैडेक कहते हैं।

Hindi News / Health / Disease and Conditions / नींद नहीं, ऑक्सीजन की कमी का संकेत है उबासी, हो सकते हैं घातक परिणाम

ट्रेंडिंग वीडियो