मुंह की बदबू को सिर्फ 5 मिनट में दूर कर देंगी ये 5 चीजें, जानिए बदबू आने के कारण
लक्षण : बच्चे के नाखून का आकार चम्मच जैसा हो, उसमें सीधी रेखाएं दिखें व चमक खत्म हो जाए, बाल कम बढ़ें, बच्चा देर से चलना सीखे, पेट में तकलीफ हो, भूख न लगे तो बच्चा पाइका से पीडि़त (suffering from pica) हो सकता है।हमेशा रहती है थकान तो इन चीजों की हो सकती है कमी, भूलकर भी ना करें अनदेखा
पाइका में अक्सर लोग ऐसी चीजें खाते हैं, जो खाने के लायक नहीं रहती है। अगर कुछ भी खाने की आदत लगभग एक महीने से ज्यादा रहे तो ये पाइका होता है। अगर आपको ये डिसऑर्डर है तो आप निम्न चीजें खाने लगते हैं :– साबुन
– बटन
– मिट्टी
– बाल
– धूल
– सिगरेट का बचा हुआ हिस्सा
– सिगरेट की राख
– पेंट
– ग्लू या गोंद
– चॉक
– मल (Feces)
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ऐसा क्यों : जब प्रेग्नेंसी में मां पोषक तत्व कम (less nutrients during pregnancy) लेती है तो बच्चे में उनकी पूर्ति के लिए ये चीजें खाने की इच्छा होती है। यह समस्या 5-6 वर्ष की उम्र तक रहती है। जब बच्चे के शरीर में कमी पूरी हो जाती है तो वह इन चीजों को खाना बंद कर देता है।डॉ.कोमल अग्रवाल, होम्योपैथी चिकित्सक
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पाइका क्या है? What is pica? पाइका खाने से संबंधित एक तरह का विकार यानी डिसॉर्डर है। पाइका से ग्रसित व्यक्ति कुछ भी खाते हैं, खासकर के वे ऐसी चीजें खाते हैं जिसमें किसी भी तरह का कोई पोषक तत्व नहीं होता है। इस डिसॉर्डर में व्यक्ति बर्फ, मेटल, मिट्टी, सूखे पेंट या अन्य खतरनाक वस्तु खाने लगते हैं। जिससे व्यक्ति के शरीर में जहर फैलने या नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है।Remedies for Hair Fall : 20 से 25 साल की उम्र में गंजे हो रहे हैं तो घर में यह चूर्ण बनाकर खाएं, बाल झड़ना बंद होगा
कितना सामान्य है पाइका होना? How common is it to have pica?अक्सर पाइका बच्चों और गर्भवती महिलाओं में ज्यादा देखा गया है। अमूमन पाइका डिसॉर्डर कुछ समय के लिए ही होता है। वहीं, जो मानसिक रुप से अक्षम व्यक्ति हैं उनमें भी पाइका की शिकायत (complaint of pica) पाई गई है। कुछ लोगों में पाइका की शिकायत आंशिक न हो कर लंबे समय के लिए होती है। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर लें।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।