scriptबदलते मौसम में आई फ्लू से कैसे बचें, मानसून के दिनों में आई मेकअप से भी करें परहेज | How to avoid eye flu in changing season, also avoid eye makeup | Patrika News
रोग और उपचार

बदलते मौसम में आई फ्लू से कैसे बचें, मानसून के दिनों में आई मेकअप से भी करें परहेज

Home Remedies for Eye Infections : बारिश के बाद की ड्राइनेस में आंखों के कंजक्टिवाइटिस का डर रहता है। आई फ्लू पीडि़त की आंखों में देखने से नहीं संक्रमित हाथों से आंख को छूने से फैलता है।

Jun 21, 2023 / 01:05 pm

Manoj Kumar

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Home Remedies for Eye Infections : बारिश के बाद की ड्राइनेस में आंखों के कंजक्टिवाइटिस का डर रहता है। आई फ्लू पीडि़त की आंखों में देखने से नहीं संक्रमित हाथों से आंख को छूने से फैलता है।
Allergic conjunctivitis एलर्जी कंजक्टिवाइटिस
धूल व धूएं, फूलों के परागकण, कार्बन के कण और कई बार कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से यह रोग होता है।
लक्षण : आंखों में लालिमा, खुजली, जलन, भारीपन और पलकों में सूजन होने लगती है।
इलाज : सामान्य एलर्जी है तो लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप और एंटी एलर्जिक (सॉफ्ट स्टेरॉइड) आई ड्रॉप डालने से २-३ दिन और गंभीर है तो एक हफ्ते में आराम मिल पाता है।
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Bacterial conjunctivitis बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस

बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस को बैक्टीरियल आई फ्लू भी कहा जाता है जो कि पहली बरसात के समय स्टेफायलोकोकस, न्यूमोकोकस, हीमोफिलस इन्फ्लूएन्जा आदि जीवाणुओं के संक्रमण से होता है।
लक्षण : आंखों में लालिमा, दर्द, सूजन, चिपचिपापन और आंखों से पानी आने लगता है।
इलाज : विशेषज्ञ की सलाह से एंटीबायोटिक, लुब्रिकेट आई ड्रॉप डालने से सामान्य आई फ्लू ३-४ दिन व गंभीर इंफेक्शन हो तो ठीक होने में एक हफ्ता लग जाता है।
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Chemical conjunctivitis कैमिकल कंजक्टिवाइटिस

स्वीमिंग पूल के पानी में क्लोरीन की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में स्वीमिंग पूल में नहाने वालों में इस प्रकार का संक्रमण फैलने की आशंका हो सकती है।
लक्षण : संक्रमित व्यक्ति की आंखों में तेज जलन, खुजली, लालिमा या किरकिरापन लगे तो ये कैमिकल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण हो सकते हैं।
इलाज : लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप और एंटीबायोटिक आई ड्रॉप से आराम मिलता है। यह रोग 2-3 दिन में ठीक हो जाता है।
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Viral conjunctivitis वायरल कंजक्टिवाइटिस

बरसात के पानी में फैलने वाले एडीनोवायरस (टाइप ८ व १९) के कारण यह समस्या होती है।
लक्षण : इस रोग में कभी-कभी कानों के पास कनपटी पर सूजन भी हो सकती है और कॉर्निया में सूक्ष्म जख्म होने के कारण दिखना भी कम हो जाता है। इस रोग से पीडि़त व्यक्ति की आंखों में लालिमा और उसे धुंधला दिखाई देने लगता है। अगर इस बीमारी का इलाज सही समय पर ना कराया जाए तो आंखों की रोशनी में हमेशा के लिए धुंधलापन आ सकता है।
इलाज : लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप डालने से सामान्य कंजक्टिवाइटिस ठीक होने में एक हफ्ता और सीवियर कंजक्टिवाइटिस होने पर २-३ हफ्ते भी लग जाते हैं।
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इनका ध्यान रखें
आंखों में सूखापन महसूस हो तो इन्हें बार-बार मसले नहीं बल्कि तीन-चार बार ठंडे पानी से धोएं।
हमेशा साफ कपड़े से ही आंखों को पोछें और अपना तौलिया व रुमाल किसी से शेयर ना करें।
गंदे हाथों से आंखों को छूने पर संक्रमण फैलता है इसलिए हाथों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।
मानसून के दिनों में आई मेकअप से परहेज करें क्योंकि धूल व अन्य प्रकार का प्रदूषण मेकअप से भी आंखों को नुकसान पहुंचता है। चश्में का प्रयोग करें। – डॉ. सुरेश पाण्डेय, नेत्र रोग विशेषज्ञ
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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