इस शोध के लिए वर्ष 2004 में जन्मे सात वर्ष उम्र तक के 2,880 बच्चों का आकलन किया गया था। ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से इस अध्ययन की मुख्य शोधार्थी केट विलियम्स ने बताया, अगर पांच साल की आयु तक बच्चों की नींद प्रक्रिया को व्यवस्थित नहीं कर लिया जाए, तो ऐसे बच्चों को स्कूल के समय के साथ सामंजस्य बैठाने में परेशानी हो सकती है।
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हो सकता है तनाव
लंबे समय तक सोना आपके मूड को प्रभावित कर सकता है और इससे आपको डिप्रेशन भी हो सकता है। नींद मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती है। लंबी नींद से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है जबकि न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को बढ़ाने के लिए अधिक शारीरिक गतिविधि महत्त्वपूर्ण है, जो आपकी मनोदशा को बेहतर बनाती है। इसलिए सोने का एक नियम बनाएं।