ए वर्ल्ड एट रिस्क ( A World At Risk ) नाम की इस रिपोर्ट में वैज्ञानिकाें ने दर्जनों बीमारियों को सूचीबद्ध किया है, और आगाह किया है कि ये नियंत्रण से बाहर हाेकर विश्वस्तर पर भंयकर तबाही मचा सकती है। इनमें प्लेग, इबोला, जीका वायरस और डेंगू शामिल हैं।रिपोर्ट में कहा गया है कि इबोला जैसे राेगाें से निपटने की लिए माैजूदा तैयारियां अपर्याप्त हैं।रिपोर्ट में संभावित संक्रमणों की एक सूची के साथ दुनिया का एक नक्शा प्रस्तुत किया गया जो काल्पनिक प्रकोप के खतरे काे उजागर करता है। इसे महामारी काे ‘नए उभरते’ और ‘फिर से उभरते / पुनरुत्थान’ में विभाजित किया गया।
रिपाेर्ट में बताया गया कि पूर्व में इबोला, जीका और निपा वायरस और पांच प्रकार के फ्लू थे, लेकिन बाद में वेस्ट नील वायरस, एंटीबायोटिक प्रतिरोध, खसरा, तीव्र फ्लेसीड मायलाइटिस, पीला बुखार, डेंगू, प्लेग और मंकी पाेक्स जैसे वायरस सामने आए।
GPMB का नेतृत्व नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री और WHO के महानिदेशक डॉ ग्रो हार्लेम ब्रुन्डलैंड और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट सोसाइटीज के महासचिव अल्हदज के द्वारा किया गया है। उन्हाेंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पहले की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को काफी हद तक विश्व नेताओं ने नजरअंदाज किया है।जीपीएमबी ने लिखा है कि समीक्षा की गई कई सिफारिशों को खराब तरीके से लागू किया गया, या बिल्कुल भी लागू नहीं किया गया। महामारी जब आती है ताे हम प्रयास तेज कर देते हैं, लेकिन खतरा कम हाेने पर जल्दी से उन्हें भूल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हर दिन विमानों से दुनिया को पार करते हैं, एक समान वायु-जनित प्रकोप अब वैश्विक स्तर पर 36 घंटे से कम समय में फैल सकता है और 50 मिलियन से 80 मिलियन लोगों को मार सकता है।
जीपीएमबी की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि महामारी एक वास्तविक खतरा है जाे एक झटके में 50 से 80 मिलियन लोगों की मौत और दुनिया की अर्थव्यवस्था का लगभग पांच प्रतिशत सफाया करने का कारण बन सकती है।
वैज्ञानिकाें ने चेताया है कि वैश्विक महामारी भयावह होगी, जिससे व्यापक तबाही, अस्थिरता और असुरक्षा पैदा होगी। और अभी दुनिया इसके लिए तैयार नहीं है। कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली, विशेष रूप से गरीब देशों में ध्वस्त हो जाएगी।
विश्व बैंक के कार्यकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पैनल के सदस्य एक्सल वैन ट्रोट्सनबर्ग ने कहा कि गरीबी और नाजुकता संक्रामक बीमारी का प्रकोप बढ़ाती है और महामारी फैलने की स्थिति पैदा करने में मदद करती है।अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन राेगाें के नियंत्रण से बाहर जाने की स्थिति में दुनिया भर के लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घिबेयियस ने सरकारों से आह्वान किया कि ये प्रकाेप हमें सबक सिखा रहे हैं कि बारिश आने से पहले अपनी छत को ठीक कर लें।G7, G20 और G77 राज्यों को बाकी दुनिया के अनुसरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए, और सभी दलों को ‘सबसे बुरे के लिए तैयारी’ करनी चाहिए।