सिट-अप्स क्यों हैं महत्वपूर्ण? Why are sit-ups important?
Sit-ups according to age : सिट-अप्स कई मांसपेशियों को सक्रिय करते हैं, जैसे: पेट की मांसपेशियां: सिट-अप्स से पेट की ताकत बढ़ती है।हिप फ्लेक्सर्स और कमर: यह मांसपेशियों को मजबूती देकर रोजमर्रा के कार्यों को आसान बनाता है।
अध्ययन बताते हैं कि जो लोग उम्र के अनुसार अधिक सिट-अप्स कर सकते हैं, उनमें उम्र से संबंधित मांसपेशियों की हानि की संभावना कम होती है। यह भी पढ़ें : Soaked almonds and raisins : भीगे हुए बादाम और किशमिश, वजन घटाने के लिए क्या बेहतर?
Sit-ups according to age : आयु के अनुसार लक्ष्य
फिटनेस वेबसाइट Topend Sports के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं के लिए सिट-अप्स का औसत लक्ष्य निम्नलिखित है: फिटनेस वेबसाइट Topend Sports के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं के लिए सिट-अप्स का औसत लक्ष्य निम्नलिखित है:आयु समूह | पुरुष (1 मिनट में) | महिलाएं (1 मिनट में) |
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18-25 | 35-38 | 29-32 |
26-35 | 31-34 | 25-28 |
36-45 | 27-29 | 19-22 |
46-55 | 22-24 | 14-17 |
56-65 | 17-20 | 10-12 |
65+ | 15-18 | 11-13 |
सही तरीके से सिट-अप कैसे करें? How to do sit-ups correctly?
शुरुआत करें: ज़मीन पर पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैर फ्लैट रखें।हाथों की स्थिति: हाथों को जांघों पर रखें।
गति: पेट की मांसपेशियों को कसते हुए, अपनी पीठ को ऊपर उठाएं।
सावधानी: गर्दन या सिर का ज़ोर न लगाएं, और कमर के निचले हिस्से को जमीन से न हटाएं।
फिनिश: शुरुआती स्थिति में लौटें।
सिट-अप्स के विकल्प: Alternatives to sit-ups:
न्यूयॉर्क की पर्सनल ट्रेनर कैरोलिन बेकविथ कहती हैं कि सिट-अप्स हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं हैं। खासतौर पर: बुजुर्गों के लिए, जो गर्दन और कमर दर्द का अनुभव कर सकते हैं।ऑस्टियोपोरोसिस या रीढ़ की चोट वाले व्यक्तियों के लिए।
डेड बग्स एक्सरसाइज
पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और हाथ ऊपर उठाएं।एक हाथ और विपरीत पैर को नीचे की ओर ले जाएं।
वापस ऊपर लाएं और दूसरी ओर दोहराएं।