कोरोनोवायरस, वायरस का एक बड़ा समूह है जो जानवरों में आम है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार वैज्ञानिक भाषा में इन्हें जूनोटिक कहते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें जानवरों से मनुष्यों तक पहुंचाया जा सकता है।
कोरोनावायरस के लक्षणों में बहती नाक, खांसी, गले में खराश, संभवतः सिरदर्द और बुखार शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों ( बुजुर्ग और बच्चों ) के लिए यह वायरस अधिक घातक हो सकता है। यह उनमें निमोनिया या ब्रोंकाइटिस की तरह अधिक गंभीर श्वसन पथ की बीमारी का कारण बन सकता है।
वायरस जानवरों के साथ मानव संपर्क से फैल सकता है। जब वायरस के मानव से मानव में फैलने की बात आती है तो यह तब होता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के स्राव के संपर्क में आता है। संक्रमित व्यक्ति की खांसी, छींक या उससे हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने के बाद, अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।
कोरोनावायरस अभी कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। ज्यादातर यह अपने आप ही ठीक हो जाता है। डॉक्टर दर्द या बुखार की दवा देकर लक्षणों से राहत दे सकते हैं। सीडीसी के अनुसार कमरे में ह्यूमिडिफायर या गर्म शॉवर गले में खराश या खांसी के साथ मदद कर सकता है। खूब तरल पदार्थ पीना, आराम करना और जितना हो सके सोना रोगी को आराम पहुंचा सकता है।
वायरस के इस परिवार से बचाने के लिए कोई टीका नहीं है, कम से कम अभी तक नहीं। इसकी वैक्सीन के लिए परीक्षण चल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देशों को मार्गदर्शन दिया कि वे कैसे वायरस से बचाव कर सकते हैं, वे निम्न हैं :-
– अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी से धोएं।
– यदि आप बीमार हैं, तो घर पर रहें और भीड़ से बचें।
– जब आप खांसते या छींकते हैं, तो अपने मुंह और नाक को ढंक लें, और आपके द्वारा स्पर्श की जाने वाली वस्तुओं को कीटाणुरहित रखें।