गर्दन की नसों व मांसपेशियों में खिंचाव की आम वजह सर्वाइकल स्पॉन्डेलाइसिस होती है। इसमें गर्दन की हड्डियों से जुड़ी नसों में असंतुलन हो जाता या हड्डियां बढ़ जाती हैं। हड्डियों में कोई लचक या चोट आ जाए तो इनसे जुड़ी नसों में दर्द होता है। ऐसे मरीजों को किसी न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसर्जन को दिखाना चाहिए जो कि शुगर, कैल्शियम, फॉस्फोरस , विटामिन बी12, के लिए मरीज की खून की जांचें, हड्डियों के एमआरआइ से बीमारी की पहचान करते हैं।
सिर के पीछे वाले हिस्से में चोट की समस्या ब्रेन के साथ गर्दन से भी जुड़ी है। गर्दन के ऊपर ब्रेन के सेरिबेलम हिस्से में चोट से मरीज का रोटी खाते समय हाथ हिलेगा, निवाला मुंह तक पहुंचने में दिक्कत आएगी। ऐसा मसल्स कॉर्डिनेशन बिगड़ने से हो सकता है। मरीज की गर्दन व ब्रेन का एमआरआइ करवाया जाता है। चोट गर्दन में है या ब्रेन में इसकी जांच जरूरी है।
ऐसा दर्द मांसपेशियों में स्पास्ज्म की तकलीफ होने से भी होता है। जिसमें सर्दी लगती है या खिंचाव होता है। फिजियोथैरेपी से आराम मिल सकता है। कंप्यूटर के सामने बैठने की मुद्रा पर ध्यान रखना चाहिए। सर्द वातावरण से बचें, गर्दन पर ठंडी हवा न लगे।