दिखे या न दिखे…शरीर में जमा है फैट तो हार्ट अटैक का खतरा
Heart Attack Causes : चाहे किसी का वजन कम हो या ज्यादा, बॉडी मास इंडेक्स मानक के अनुरूप हो या नहीं, लेकिन शरीर में वसा जमा हो रहा है तो हार्ट अटैक का अधिक खतरा है।
Fat Increases Heart Attack Risk : यह अध्ययन अमेरिका के ब्रिगम एंड वीमेन हॉस्पिटल, बोस्टन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया। ब्रिगम और महिला अस्पताल बोस्टन की टीम ने लोगों के डेटा का विश्लेषण कर पाया कि ऐसे लोग जिनकी मांसपेशियों में अधिक फैट था, उनकी छोटी रक्त वाहिकाओं के क्षतिग्रस्त होने का जोखिम ज्यादा था।
इन लोगों में हार्टअटैक (Heart Attack) के कारण मरने का जोखिम भी अधिक था। मांसपेशियों में वसा की मात्रा निर्धारित करने के लिए इंटरमस्कुलर फैट, टोटल मसल्स और फैट के अनुपात का एक माप निकाला। इसे फैटी मसल फ्रैक्शन कहा गया। अध्ययन में बताया कि फैटी मसल फ्रैक्शन में 1% बढ़ने पर ब्लड वैसल्स के नुकसान होने का जोखिम 2 फीसदी और हार्ट डिजीज का खतरा 7% तक बढ़ गया।
अध्ययन में कई लोगों के डेटा का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला कि जिन व्यक्तियों की मांसपेशियों में अधिक वसा जमा थी, उनकी छोटी रक्त वाहिकाओं को अधिक नुकसान पहुंचा। इसके कारण हृदय संबंधी बीमारियों और हार्ट अटैक (Heart Attack) से मृत्यु का खतरा भी बढ़ गया।
Fat Increases Heart Attack Risk : अध्ययन की प्रमुख बातें:
मांसपेशियों में वसा का प्रभाव:
जब शरीर में मांसपेशियों के बीच अधिक वसा जमा होने लगती है, तो यह रक्त संचार को प्रभावित कर सकती है।
इससे रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को नुकसान होता है, जिससे हृदय तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने में बाधा उत्पन्न होती है।
फैटी मसल फ्रैक्शन का निर्धारण:
शोधकर्ताओं ने शरीर में मांसपेशियों और वसा के अनुपात का माप निकालने के लिए ‘फैटी मसल फ्रैक्शन’ (Fatty Muscle Fraction) का उपयोग किया।
यह एक महत्वपूर्ण संकेतक साबित हुआ जिससे यह पता चलता है कि किसी व्यक्ति की मांसपेशियों में कितनी मात्रा में वसा है और यह हार्ट डिजीज को किस हद तक प्रभावित कर सकता है।
जोखिम में बढ़ोतरी:
अध्ययन के अनुसार, फैटी मसल फ्रैक्शन में 1% वृद्धि होने पर रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचने का खतरा 2% बढ़ जाता है। यही नहीं, इससे हृदय रोग का खतरा लगभग 7% तक बढ़ सकता है।
हृदय स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के उपाय:
चूंकि मांसपेशियों में अधिक वसा जमा होने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय अपनाने की आवश्यकता है:
नियमित व्यायाम करें:
कार्डियो एक्सरसाइज (जैसे दौड़ना, साइकिलिंग, तैराकी) हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होती हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मांसपेशियों की ताकत बनी रहती है और उनमें वसा जमा होने की संभावना कम होती है।
स्वस्थ आहार अपनाएं:
ताजे फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन युक्त भोजन और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करें। अधिक तेल-मसाले और तले-भुने खाने से बचें।
वजन को संतुलित रखें:
न केवल वजन कम करना बल्कि स्वस्थ वजन बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
नियमित रूप से BMI और शरीर की चर्बी की जांच करवाएं।
तनाव प्रबंधन करें:
तनाव से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए योग, मेडिटेशन और अच्छी नींद को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।