ग्रीन टी बुढ़ापे में भी रखेगी स्वस्थ ग्रीन टी पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, इसके कई फायदे हैं। टोक्यो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि ग्रीन टी बुढ़ापे में भी इंसान को चुस्त और फुर्तीला बनाए रखती है। जापानी शोधकर्ताओं ने अपने इस अध्ययन में पाया कि चाय या कॉफी पीने वाले लोगों की तुलना में ग्रीन टी पीने वाले लोगों में बुढ़ापे के साथ शारीरिक दुर्बलताएं विकसित होने की आशंका 33 प्रतिशत कम हो जाती हैं। ग्रीन टी में विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जो कि शरीर के मेटाबॉलिज्म को मजबूत करते हैं।
तेजपत्ता देता है गठिए में आराम तेजपत्ते में एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, यह फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने में कारगर होता है। इसके प्रयोग से गठिया के रोग में आराम मिलता है। यह पेट के रोगों में भी फायदेमंद होता है। तेजपत्ते के तेल से मालिश करने से सिर दर्द, लकवे और मांसपेशियों के दर्द में आराम मिलता है। रात को सोने से पहले इस तेल की मालिश करने से नींद अच्छी आती है और रक्त संचार बना रहता है। डायबिटीज के रोगियों को एक महीने तक तेज पत्ते का पाउडर पानी के साथ घोलकर पीने से फायदा होता है।
तलवों में जलन के लिए खाएं गुलकंद गुलकंद गुलाब की पत्तियों को सुखाकर और शक्कर को मिलाकर बनाया जाता है। गुलकंद दिमाग और अमाशय को मजबूती प्रदान करता है। खाना खाने के बाद गुलकंद लेना दिमाग के लिए फायदेमंद होता है। गुलकन्द खाने से बार-बार प्यास भी नहीं लगती है। इसके लिए इसे सुबह-शाम 3 चम्मच 1 गिलास पानी में मिलाकर पीने से प्यास कम लगती है। 6 से 10 ग्राम गुलकन्द को दूध या पानी के साथ सुबह-शाम लेने से हाथ-पैर, तलवों की जलन, आंखों की जलन या आंखों से पानी निकलना ठीक हो जाता है। अगर आपका मुंह पक गया हो तो भी गुलकंद खाना काफी फायदा करता है।