आज हम डायबिटीज के मरीजों के लिए 6 ऐसे सुपरफूड्स की बात करेंगे जिनका सेवने यदि वे सर्दियों में करते हैं तो उनके लिए वे फायदेमंद हो सकते है।
डायबिटीज मरीजों के लिए 6 सुपरफूड्स : 6 superfoods for diabetes patients
दालचीनी डायबिटीज के मरीज सर्दियों में दालचीनी का सेवन कर सकते हैं क्योंकि दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होने के कारण ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। दालचीनी का उपयोग कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी सामान्य रखता है। दालचीनी का उपयोग दाल, सब्जियों आदि के साथ या फिर इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
चुकंदर यदि डायबिटीज के मरीज चुकंदर का सेवन करते हैं तो वह उनके लिए लाभकारी माना जाता है। चुकंदर में आयरन, मैंगनीज और फाइटोकैमिकल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए यदि आप सर्दियों में चुकंदर का सेवन करते हैं तो ऊर्जा के साथ रक्त की मात्रा की बढ़ोतरी होगी।
आंवला डायबिटीज मरीजों के लिए सर्दियों में आंवले का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। आंवला का सेवन टाइज 2 डायबिटीज में लाभकारी माना जाता है। आंवला में क्रोमियम की मात्रा होने के कारण रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित बना रहता है। इसी के साथ आंवले में विटामिन सी मौजूद होने के कारण आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली सही रहती है।
पालक पालक का सेवन सर्दियों में खूब किया जाता है जो हमारे स्वास्थय के लिए बहुत लाभकारी होता है। पालक में पोषक तत्वों के साथ फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए यदि आप डायबिटीज से पीड़ित है तो आपके लिए पालक का खाना फायदेमंद साबित होता है। पालक पचने में भी आसान होता है। पालक का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जिससे यह डायबिटीज के रोगियों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
संतरा सर्दियों में संतरे का सेवन अत्यंत लाभकारी माना जाता है जिसमें डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक अच्छा विकल्प माना जाता है। संतरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए सही माना जाता है।
बाजरा बाजरा सर्दियों में खाया जाता है लेकिन क्या आपको पता है यदि डायबिटीज के मरीज इसका सेवन करते हैं तो इससे उनको कितना फायदा मिल सकता है। बाजरे में फाइबर उच्च मात्रा में होता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी माना जाता है। बाजरा का सेवन डायबिटीज के मरीज रोटी, लड्डू आदि बनाकर खा सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।