एल्युमिनियम फॉयल में खाना पैक ही नहीं होता बल्कि खाना पकाने से लेकर ग्रिल्ड भी किया जाता है और ये प्रक्रिया बेहद खतरनाक होती है। यही नहीं, अगर लंबे समय तक फॉयल में खाना रखा रहे तो ये और भी खतरनाक होता है। इससे खाने के सारे ही पोषक तत्व खत्म होने लगते हैं। फॉयल में खाना गर्म करना या रखना सबसे ज्यादा नुकसानदेह होता है।
एल्युमिनियम फॉयल या डब्बे में खाना शारीरिक ही नहीं, मानसिक विकास को भी प्रभावित करती है। हड्डियों से लेकर इम्युनिटी तक पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि अगर गर्म खाना एल्युमिनियम फॉयल या डब्बे में रखा जाता है तो ये खाने में जरूरत से ज्यादा एल्युमिनियम खींच लेता है। मसालेदार खाने के लिए तो यह और भी ज्यादा हानिकारक है। स्टडीज़ में पाया गया है कि शरीर में एल्युमिनियम की मात्रा बढ़ने से इसके गंभीर परिणाम कैंसर और अल्जाइमर के रूप में सामने आते हैं। इससे दिमाग की कोशिकाओं की वृद्धि रुक जाती है, जिसके कारण याददाश्त कमजोर होने लगती हैं।
एल्युमिनियम फॉयल के शरीर पर खतरे जोड़ो में दर्द- एल्युमिनियम की मात्रा अगर शरीर में लगतातार बढ़ती रहे तो ये हड्डियों का कमजोर बनाने लगती है। ज्वाइंट्स पेन, ऑस्टियोपोरोसिस और हडि्डयो से खट-खट की आवाज आने लगती है।
इंफेक्शन का बढ़ता है खतरा- एल्युमिनियम के अंश खून में भी समाहित होने लगते हैं इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से संक्रमण जैसे खतरे बढ़ने लगते हैं। किडनी और डिमेंश्भिया का खतरा– एल्युमिनियम में इसकी बढ़ती मात्रा से किडनी की समस्या और डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
मेमोरी पर असर- गर्म एल्युमिनियम में रखा या पका खाना मेमोरी लॉस का भी कारण बनता है। भूलकर भी न करें ये काम खट्टे खाद्य पदार्थ बेहतर गर्म खाना एल्युमिनिय फॉयल में बिलुकल न रखें। खट्टे फल या खाद्य पदार्थ फॉइल में रखने से उनका केमिकल बैलेंस बिगड़ जाता है और चीजें जहरीली हो सकती हैं। यदि खाना खाते हुए इसका छोटा सा भी हिस्सा अंदर चला जाए तो कैंसर का कारण बन सकता है। ज्यादा गर्म खाने को एल्युमिनियम फॉयल में लपेटने से ये पिघलने लगता है, जिससे इसके तत्व खाने में मिल जाते हैं। कभी भी बचे हुए खाने को एल्युमिनियम फॉयल में पैक न करें।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)