Flexibility workout tips : हर उम्र में लचीलापन बढ़ाने के तरीके
लचीलापन शायद सबसे पहले ध्यान में न आए जब हम स्वास्थ्य और फिटनेस की बात करते हैं, लेकिन यह शरीर की समग्र भलाई बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। सरल शब्दों में, लचीलापन इस बात से संबंधित है कि आपकी मांसपेशियां और जोड़ों कितनी आसानी से खिंच और मुड़ सकते हैं।
Flexibility workout tips : लचीलापन शरीर का एक महत्वपूर्ण गुण है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह आपकी सेहत और फिटनेस बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। लचीलापन (Flexibility) आपके मांसपेशियों और जोड़ों के बिना किसी अवरोध के खिंचने और मुड़ने की क्षमता को दर्शाता है। यहां जानें लचीलेपन के फायदे और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
लचीलापन (Flexibility) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको चोटिल होने से बचाता है। जब आप नियमित रूप से खिंचाव (stretching) करते हैं, तो आपकी मांसपेशियां लचीली और मजबूत रहती हैं। इससे मांसपेशियों और जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता और आप चोटिल होने से बच जाते हैं।
अध्ययन बताते हैं कि नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करने से विशेषकर बुजुर्गों में चोट लगने का जोखिम कम हो जाता है। हफ्ते में कम से कम तीन बार स्ट्रेचिंग करने की सलाह दी जाती है, जिसमें हर स्ट्रेच को 10-60 सेकंड तक किया जाना चाहिए।
2. बेहतर संतुलन और मुद्रा Improved balance and posture
क्या आपने कभी देखा है कि दिनभर बैठने से आपकी पीठ और कंधे झुकने लगते हैं? लचीलापन (Flexibility) बढ़ाने वाले व्यायाम, जैसे स्ट्रेचिंग, आपकी मांसपेशियों को लंबा और ढीला बनाए रखते हैं। इससे आप बेहतर मुद्रा और संतुलन बनाए रख सकते हैं।
बुजुर्गों में, खराब मुद्रा के कारण गिरने का खतरा बढ़ जाता है। लचीलापन (Flexibility) को बेहतर बनाकर आप गिरने से बच सकते हैं और अपनी चाल में आत्मविश्वास ला सकते हैं।
3. प्रदर्शन में सुधार Performance improvements
चाहे आप खेल रहे हों, दौड़ रहे हों, या बच्चों के साथ खेल रहे हों, लचीलापन आपके प्रदर्शन में सुधार करता है। जब आपकी मांसपेशियां लचीली होती हैं, तो आप अधिक गति और शक्ति से काम कर सकते हैं।
अध्ययन बताते हैं कि स्ट्रेचिंग मांसपेशियों की दक्षता बढ़ाती है और अत्यधिक उपयोग के कारण होने वाली चोटों को कम करती है।
4. मांसपेशियों में तनाव और दर्द से राहत Relief from muscle tension and pain
आज के समय में ज्यादातर लोग लंबे समय तक बैठते हैं, जिससे पीठ और गर्दन में दर्द होने लगता है। स्ट्रेचिंग या योग जैसी लचीलेपन (Flexibility) की गतिविधियाँ मांसपेशियों को लंबा करती हैं और रक्त प्रवाह में सुधार करती हैं, जिससे तनाव कम होता है और दर्द से राहत मिलती है।
विशेष रूप से पीठ और कंधों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए हफ्ते में तीन बार स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद होता है।
5. रक्त संचार में सुधार Improves blood circulation
लचीलेपन (Flexibility)को बढ़ाने वाले व्यायाम जैसे स्ट्रेचिंग से आपके मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे मांसपेशियां तेजी से ठीक होती हैं और स्वस्थ रहती हैं। बेहतर रक्त संचार से दिल की सेहत भी सुधरती है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
हर उम्र में लचीलापन बढ़ाने के तरीके Ways to improve flexibility at every age
बच्चे और किशोर
बच्चे स्वाभाविक रूप से अधिक लचीले होते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें लचीलेपन पर काम करना चाहिए। योग, नृत्य और खेलकूद जैसी गतिविधियाँ उनके लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करती हैं। ये गतिविधियाँ न केवल मजेदार होती हैं, बल्कि समग्र शारीरिक विकास, समन्वय और संतुलन को भी बढ़ावा देती हैं।
वयस्क
जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमें लचीलेपन को बनाए रखने के लिए और अधिक ध्यान देना पड़ता है। अपने दैनिक जीवन में स्ट्रेचिंग की दिनचर्या को शामिल करना जरूरी है। योग और पिलाटे जैसी गतिविधियाँ लचीलापन और शक्ति को एक साथ बढ़ाती हैं, जिससे आपका संपूर्ण फिटनेस बेहतर होता है। वयस्कों को हफ्ते में 2-3 बार स्ट्रेचिंग करने की सलाह दी जाती है।
बुजुर्गों के लिए लचीलापन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी गतिशीलता और स्वतंत्रता को बनाए रखने में मदद करता है।
जेंटल स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जैसे चेयर योग बुजुर्गों के लिए बढ़िया विकल्प हैं। ये न केवल लचीलापन (Flexibility) बढ़ाते हैं, बल्कि शरीर को ज्यादा दबाव दिए बिना कठोरता को भी दूर करते हैं। बुजुर्गों को भी हफ्ते में 2-3 बार स्ट्रेचिंग करने की सलाह दी जाती है।
लचीलापन (Flexibility) बढ़ाना किसी भी उम्र में आपकी सेहत और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। चाहे आप युवा हों या वृद्ध, नियमित रूप से कुछ मिनटों का स्ट्रेचिंग आपके शरीर को सक्रिय और दर्दमुक्त बनाए रख सकता है।