इसके अन्य फायदे
1. इसमें प्रोटीन भरपूर होता है, जिससे मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। बच्चों के विकास के लिए भी सही होता है। अच्छी बात यह है कि इसमें कैलोरी कम होती है। 2. फाइबर की मात्रा उच्च होने से कब्ज, पेट फूलना, गैस जैसी कई परेशानियों को कम कर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। फाइबरयुक्त आहार भूख को नियंत्रित करती है। इससे अधिक खाने की इच्छा नहीं होती है। इससे वजन भी नियंत्रित होता है।
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3. इसमें आयरन अधिक होता है, अत: खून की कमी दूर होती है। हीमोग्लोबिन अधिक होने से एनीमिया से बचाव होता है। खून पर्याप्त होने से दिमाग को ऑक्सीजन भी पर्याप्त मिलती है।
4. बाजरा डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। इसके पोषक तत्त्व खून में शर्करा को बढऩे से रोकते हैं। शुगर का स्तर नियंत्रित रखता है।
5. मैग्नीशियम व पोटैशियम अच्छी मात्रा में होता है। इससे ब्लड फ्लो सही रहता है। इससे हृदय रोगों की आशंका कम होती है। सांस संबंधी दिक्कतों में भी आराम देता है।
कौन नहीं खाए
बाजरे में गोइटरोजेनिक नामक तत्त्व होता है, जो शरीर में आयोडीन अवशोषण रोकने का काम करता है। इससे घेंघा व थायरॉइड की दिक्कत हो सकती है। आमतौर पर गोइटरोजेनिक खाना पकाने पर कम होता है, लेकिन बाजरे में पकने के बाद बढ़ जाता है। अत: थायरॉइड बढ़ा हो तो बाजरा खाने से बचना चाहिए।
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इन व्यंजनों के रूप में खाएं
इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए सर्दी में इसकी रोटियां या खिचड़ी खाते हैं। इसके अलावा बाजरे की मठरी, टिक्की, उपमा, चीला, मीठा खिचड़ी, लड्डू तथा चूरमा प्रमुख हैं। दक्षिण भारत में इडली-डोसा भी बनाकर खाते हैं।
एनर्जी ड्रिंक्स बनाकर लें
गर्मी के दिनों में इससे एनर्जी ड्रिंक बनाकर भी पी सकते हैं। इसमें दही, छाछ मिलाने से इसकी गर्म तासीर घट जाती है। बाजरे की राबड़ी और स्मूदी व रोस्टेड बाजरा खा सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।