पीड़ित मोहित बताते हैं कि 22 जून को उनके मोबाइल पर सुबह हाइवे संख्या 44 स्थित बरैठा से कार निकलने का टोल 90 रुपए कटने का मैसेज आया। वह समझ नहीं पाए। इसके बाद रात करीब 11.30 बजे भरतपुर-जयपुर हाइवे के एक टोल से 25 रुपए कटने का मैसेज आया। यह देख वह दंग रह गए। जिस पर उन्होंने कंपनी के कस्टमर केयर में शिकायत की। कंपनी प्रतिनिधि में सात दिन में समाधान कराने का जवाब दिया है। मोहित बताते हैं कि पहले कभी इस तरह की शिकायत नहीं आई। पहली कंपनी की सेवा बंद होने पर निजी बैंक से फास्टैग बनवाया था।
पुलिस को नहीं मिली शिकायत
उधर, स्थानीय पुलिस को अभी तक इस तरह की शिकायत नहीं मिली है। साइबर सेल में ऑनलाइन ठगी की शिकायत आती-रहती है लेकिन फास्टैग के जरिए राशि ठगने का मामला नहीं आया है। आशंका ये भी है कि फास्टैग स्कैन कर शातिर व्यक्ति राशि अपने वॉलेट में मंगवा रहा है। इस तरह के हाल में अलवर जिले में कई मामले सामने आए हैं। बता दें कि रेंज में गत दिनों पुलिस ने ऑपरेशन एंटी वायरस चलाया, जिसमें कई साइबर ठगों को जेल पहुंचाया जा चुका है। विशेषकर डीग जिले के मेवात इलाके में अभियान बड़े स्तर पर चलाया गया है।