धौलपुर. रबी की फसलों की बुवाई प्रारंभ हो गई है। हालांकि अतिवृष्टि और बढ़ते तापमान के कारण इस बार बुवाई में देरी देखने को मिली है। जिले में अभी गेहूं की बुवाई लक्ष्य से 10 प्रतिशत भी नहीं हो पाई है। तो वहीं सरसों की बुवाई भी लक्ष्य से 25 प्रतिशत कम है। जिले में इस बार रबी की फसल बुवाई का लक्ष्य 1,510000 हैक्टेयर रखा गया है।
नवंबर महीना का सप्ताह भर निकल चुका है लेकिन अभी तक जिले में 10 प्रतिशत गेहूं फसल की बुवाई भी नहीं सकी है। मानसूनी सीजन में अतिवृष्टि और दिन का बढ़ा तापमान किसानों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। तापमान 30 डिग्री के आसपास था। जो कि गेहूं की फसल के लिए मुफीद नहीं माना जाता है। हालांकि अब मौसम ने करवट ली है और तापमान में भी कमी देखी जा रही है। जिस कारण किसान अब गेहूं की बुवाई में जुट गए हैं। वहीं जिले में सरसों की बुवाई लक्ष्य से 70 से 80 प्रतिशत हो चुकी है। और जहां अभी बुवाई नहीं हो सकी है। वहां अतिवृष्टि के कारण खेतों में पानी भरा होने के कारण बुवाई मेें विलंब हो रहा है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जिले मेें सरसों बुवाई का लक्ष्य 90000 हैक्टेयर रखा गया है। तो वहीं 151000 हेक्टेयर रबी फसल बुवाई का लक्ष्य है। हालांकि अभी तक जिले में लक्ष्य से 73671 हेक्टेयर जमीन पर ही बवाई हो पाई है। यानी लक्ष्य से 50 प्रतिशत कम। लेकिन मौसम में गिरवट के साथ अब बुवाई का आंकड़ा बढऩा शुरू हो जाएगा।
अधिक तापमान से होती है गेहूं की बुवाई प्रभावित बढ़ता तापमान गेहूं की बुआई को प्रभावित करता है। गेहूं की बुआई के लिए सही तापमान 19 से 23 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। वहीं गेहूं की सर्वोत्तम वृद्धि के लिए तापमान 16 से 21.1 डिग्री सेल्सियस होता है। गेहूं की बुआई के लिए ज़्यादा तापमान होने से इसकी बढ़वार रुक जाती है और यह जल्दी पक जाता है। इससे गेहूं की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर पड़ता है।
इस सीजन 151000 हेक्टेयर का लक्ष्य जिले में इस सीजन हुई अच्छी बारिश से जहां कुछ क्षेत्रों के किसान खुश हैं तो कुछ क्षेत्रों के किसान भारी परेशानी झेल रहे हैं। नवम्बर माह प्रारंभ हो चुका है। किसान अब रबी फसल की बुवाई में जुट चुके हैं। कृषि विभाग ने वर्ष रबी फसलों के लिए 511000 हैक्टेयर का लक्ष्य रखा है। जिसमें गेहूं का रकवा 52000 हेक्टेयर रखा गया है। तो दलहन में चना के लिए 1000 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। कृषि विभाग ने इस सीजन सरसों के रकवे को बढ़ाते हुए 90000 हेक्टेयर कर दिया है। तो अन्य फसलों के लिए भी 8000 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है।
जिले में अतिवृष्टि के कारण कई क्षेत्रों में खरीफ की फसल तो नष्ट हुई ही साथ ही खेत पानी से जलमग्न हो गए। जिसका असर अभी तक देखा जा रहा है। बसेड़ी ब्लॉक को छोडकऱ अब हालात सामान्य हो गए हैं। और किसान थेवन और बुवाई में लगा हुआ है। बसेड़ी की कैथरी, कुकरा, आगर, बरोली सहित 5 से 6 पंचायत हैं जहां अभी भी खेतों में जलभराव की समस्या से फसल बुवाई में देरी हो रही है।
लक्ष्य और बुवाई पर एक नजर फसल लक्ष्य बुवाईगेहूं 52000 3070चना 1000 409सरसों 90000 66612अन्य फसलें 8000 1185कुल 151000 73671( नोट:आंकड़े हेक्टेयर में दिए हैं। – अतिवृष्टि और अधिक तापमान के कारण गेहूं की बुवाई में देरी हो रही है। हालांकि अब तापमान में कमी देखी जा रही है। जिससे किसान गेहूं और सरसों की बुवाई में लग गए हैं।
बबलू कुमार त्यागी, सहायक निदेशक कृषि विस्तार