इससे पहले डॉ.एसके जैन प्राचार्य थे जो सेवानिवृत हो गए। गौरतलब रहे कि इससे पूर्व डॉ.मीणा प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय सैंपऊ में पदस्थापित थे। प्राचार्य डॉ.मीणा ने कहा कि पहली प्राथमिकता विद्यार्थियों के अधूरे पाठ्यक्रम को पूरा कराना ताकि छात्र आगामी परीक्षाओं में अच्छे अंक से उत्तीर्ण हो सकें। इसके अलावा महाविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को समिति गठित कर उनकी रिपोर्ट के आधार पर यथाशीघ्र दूर किया जाएगा।
75 फीसदी से कम हाजिरी पर प्राइवेट माना जाएगा डॉ.मीणा ने कहा कि विद्यार्थी अपनी अपनी कक्षाओं में अध्ययन के लिए समय से उपस्थित रहें। 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति रहने पर विद्यार्थियों को विश्विद्यालय की परीक्षाओं में नियमित से असंस्थागत (प्राइवेट) किया जा सकता है। राज्य सरकार की ओर से देय विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में से भी वंचित किया जा सकता है। वहीं, राज्य सरकार ने एक आदेश से महाविद्यालयों में कार्यव्यवस्था पर लगे सह एवं सहायक आचार्यों की कार्यव्यवस्था समाप्त कर दी है। इसके अंतर्गत विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत डॉ.सुमन वर्मा सह आचार्य हिंदी, पवन मीना सहायक आचार्य गणित ने भी अपने मूल पदस्थापन राजकीय महाविद्यालय धौलपुर में कार्यग्रहण कर लिया है।
कॉलेज राजनीति का दिखा असर बता दें कि सरकार बदलाव के साथ प्रदेश के कई महकमों में इन दिनों तबादलों का दौर जारी है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग में भी तबादले हुए हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सरकार में कार्यरत अधिकारियों के तबादले हो रहे हैं। क्षेत्रीय विधायक लगातार सरकार से बदलाव की मांग कर रहे थे। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने तबादला की तिथि बढ़ाकर 22 फरवरी तक कर दी है। बता दें कि जिले में करीब एक दर्जन कॉलेज हैं और इनमें से कुछ कांग्रेस सरकार में खुले हैं। जहां स्टाफ की कमी है।