शहर तथा कस्बों में वर्तमान में 18 से 20 पंजीकृत पैथोलॉजी संचालित हो रही हंै। पैथोलॉजी में जांच के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। जो व्यक्ति खून निकाल रहे हैं। जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट भी बनाकर दे रहे हैं। अंत में उस रिपोर्ट पर किसी डॉक्टर के हस्ताक्षर ले लेते हैं। ये डॉक्टर कौन होता है कोई नहीं जानता। इस खेल को जानने के लिए शहर में चल रही कई पैथोलॉजी की पड़ताल के लिए पत्रिका टीम मंगलवार को संचालित लैबों पर पहुंची। यहां पर तो कई बिना पंजीकरण के ही लैब संचालित हो रही है। कुछ लैबों के रजिस्ट्रेशन थे। लेकिन शहर में लगभग 140 से अधिक लैब संचालित हो रही है। जिनके पास कोई रजिस्टेशन नहीं है। कुछ लैब मेडिकल स्टोर के अंदर संचालित हो रही है। कुछ सेंटर पर खुद मरीज या मरीज का रिश्तेदार बनकर गया भी जहां से ये खेल समझ में आया। जैसे ही जांच कराने की बात हुई तो सारी सच्चाई सामने आ गई। एक भी पैथोलॉजी में रिपोर्ट तैयार करने के लिए एमडी पैथोलाजिस्ट नहीं है। जबकि सभी की रिपोर्ट में किसी न किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर रहता है। कई जांच सिर्फ एमडी (पैथोलॉजी) ही कर सकते हैं। बावजूद कई जगहों पर सभी तरह की जांच करने के दावे किए गए। पैथोलॉजी में ही रहकर सीख रहे नौसिखिए ही खून निकालने के लिए तैयार हो गए। बिना डिग्री के खून निकाल रहे हैं।
नाम कलेक्शन सेंटर, करते हैं जांचें शहर में कई स्थानों पर चल रहे कलेक्शन सेंटर व पैथोलॉजी सेंटर पर या उसके बोर्ड पर लिखा रहता है पैथोलॉजी का कलेक्शन सेंटर है। लेकिन बातचीत के दौरान पता चला कि कई जांच यहीं हो जाती हैं। कुछ महंगी और बड़ी मशीन वाली जांच के लिए ही सैंपल बाहर भेजा जाता है। बात करने पर पता चला कि यहां की जांच रिपोर्ट पर किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर होता है। पूछने पर बताया कि वह डॉक्टर कभी-कभी आते हैं। जबकि रिपोर्ट हर दिन बनती है।
ये क्या नौसिखिए ही निकालते हैं खून शहर के गौरव पथ रोड पर एक पैथोलॉजी सेंटर जाकर किसी और की जांच कराने की बात कही। वहां बैठे व्यक्ति ने सभी तरीके की जांच हो जाने का आश्वासन दिया। बातों बातों में उससे कुछ सवाल किए कि वह लैब टेक्नीशियन का कोर्स किए है या यूं ही सीखा है तो पता चला कि कोई कोर्स नहीं किया है। डॉक्टर के बारे में जानकारी लेनी चाही तो उसे कुछ शक हुआ और फिर शांत रहा। जब कोई डॉक्टर ही नहीं बैठता है तो कैसे सारी जांचें करते हैं।
पैथोलॉजी बिना पंजीकरण के संचालित हो रही हैं। तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। अभी मीटिंग में हूं। यहां से निकलकर बात करते हैं। – डॉ. जयंती लाल मीणा, सीएमएचओ धौलपुर