-विभाग में केवल एक ही श्रम निरीक्षक तैनात, तीन स्वीकृत -अधिकारी न होने के कारण निराश होकर लौट रहे श्रमिक धौलपुर. श्रम विभाग केवल तीन कर्मचारियों के भरोसे ही संचालित हो रहा है। जिसका नतीजा यह है कि विभाग फाइलों के बोझ तले दबता जा रहा है। पेंडेंसी पर पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। विभाग में पिछले दो साल से श्रम कल्याण अधिकारी का पद ही रिक्त है। वहीं तीन श्रम निरीक्षकों के पद स्वीकृ़त हैं जिनमें से दो पद रिक्त हैं और केवल एक ही पद पर श्रम निरीक्षक तैनात हैं। इस कारण श्रमिकों को कैसे योजनाओं का लाभ समय पर मिल सकेगा।
श्रमिकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाना श्रम विभाग का काम है। इसके लिए सरकार की ओर से वेलफेयर बोर्ड का गठन राज्य सराकर की ओर से 27 जुलाई 2009 में किया गया था। विभाग में ७6 हजार 402 श्रमिक अपना पंजीयन करा चुके हैं। जिसमेें से 48 हजार 376 पुरुष और 2८ हजार 2६ महिला श्रमिक शामिल हैं। तो वहीं ई-श्रम कार्ड योजना के तहत 4 लाख 62 हजार 538 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। विभाग की मानें तो श्रम विभाग की ओर से 13 सरकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा था जिनमें से कुछ योजनाएं अब बंद हो चुकी हैं और अब केवल चार योजनाएं ही सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं। लेकिन जब विभाग में कर्मचारी अधिकारी ही नहीं होंगे तो कैसे श्रमिकों का उत्थान हो सकेगा।
सात पद स्वीकृत जिनमें चार रिक्त धौलपुर श्रम विभाग के कार्यालय में 7 पद स्वीकृत हैं जिनमें से एक श्रम कल्याण अधिकारी, तीन श्रम निरीक्षक, एक सूचना सहायक, एक क्लर्क और एक सहायक कर्मचारी शामिल हैं। जिनमें से जिला कार्यालय का सबसे बड़ा श्रम कल्याण अधिकारी का पद पिछले दो सालों से रिक्त है। श्रम निरीक्षकों की बात करें तो तीन पद स्वीकृत होने के बाद भी केवल एक ही श्रम निरीक्षक कार्यरत है। दो पद अभी भी खाली हैं। सूचना सहायक और क्लर्क के पद पर कर्मचारी अपने कार्य का निर्वहन कर रहे हैं तो वहीं सहायक कर्मचारी का पद भी 5 सालों से रिक्त है। यानी केवल तीन ही कर्मचारी श्रम विभाग के कार्य का अनुमोदन कर रहे हैं।
10 हजार 53 आवेदन पेंडिंग श्रम कार्यालय धौलपुर में विभिन्न योजनाओं के तहत अभी तक 69 हजार 631 आवेदन मिले हैं। श्रम अधिकारी और श्रम निरीक्षक सहित अन्य पदों के रिक्त होने से वर्तमान में 10 हजार 53 आवेदन पत्र लंबित चल रहे हैं। श्रम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक प्राप्त 69 हजार 631 आवेदनों में से 25 हजार 442 आवेदन ही स्वीकृत हुए हैं। जिनमें से 34 हजार 136 आवेदन निरस्त हुए हैं।
श्रम निरीक्षक के फील्ड में होने पर लौटते है श्रमिक श्रम विभाग में जब श्रमिक अपने कार्य से आते हैं और ऐसे में जब श्रम निरीक्षक नहीं मिलता तो श्रमिकों के हाथ केवल निराशा ही लगती है। दरअसल विभाग में एक ही निरीक्षक पदस्थापित है और यदि वह भी किसी श्रमिक के सत्यापन के लिए फील्ड में चला जाता है तो यहां आने वाले श्रमिकों को या तो उसके लौटने का इंतजार करना होता है या फिर दूर दराज से आने वाले श्रमिक अन्य स्टॉफ कर्मियों से अगले दिन आने का समय लेकर निराश ही अपने घर हो लौट जाते हैं।
इन योजनाओं में पेंडिंग आवेदनयोजना का नाम आवेदन लंबितनिर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास ६९०८ प्रसूति सहायता योजना ११७४मृत्यु सहायता योजना १७९ सिलिकोसिस पीडि़त हितग्राही योजना ००शुभशक्ति योजना १६९८ निर्माण श्रमिक शुलभ आवास योजना ६५निर्माण श्रमिक औजार योजना १२
निर्माण श्रमिक जीवन और भविष्य सुरक्षा ०७ब्याज पुनर्भरण योजना ०१ प्रशासनिक सेवा हेतु प्रोत्साहन योजना ०८ ट्यूशन फीस पुर्नभरण योजना ०१विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना ०० जिला श्रम विभाग कार्यालय में 7 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 4 पद रिक्त हैं। श्रम कल्याण अधिकारी का पद पिछले दो सालों से रिक्त है। और दो श्रम निरीक्षकों के पद भी खाली हैं। जिस कारण आवेदनों के निस्तारण में विलंब होता है। फिर भी काफी हद तक आवेदनों का निस्तारण किया जा रहा है।
– नमोनारायण मीणा, श्रम निरीक्षक धौलपुर कार्यालय