scriptत्यौहारी सीजन से पूर्व तेल में उबाल 30 फीसदी तक बढ़ गए किराना सामग्री के दाम | Kitchen budget messed up: Before the festive season, the prices of grocery items have increased by 30% due to rising oil prices | Patrika News
धौलपुर

त्यौहारी सीजन से पूर्व तेल में उबाल 30 फीसदी तक बढ़ गए किराना सामग्री के दाम

त्यौहारी सीजन से पूर्व तेल, किराना, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में उछाल

धौलपुरOct 14, 2024 / 05:48 pm

Naresh

-त्यौहारी सीजन से पूर्व तेल, किराना, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में उछाल

dholpur, सरमथुरा. त्यौहारी सीजन से पूर्व ही तेल, किराना सामग्री और सब्जियों में बढ़ती महंगाई ने गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ कर रख दी है। खाद्य वस्तुओं के भाव में जिस प्रकार उछाल आया है, उतना तो शायद ही कभी देखने को मिला हो। इन दिनों सब्जियां ही नहीं, बल्कि किराना खाद्य सामग्री के दाम भी इस कदर बढ़ गए हैं कि लोग परेशान हैं। किराना व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे पहले उन्होंने महंगाई की ऐसी रफ्तार कभी नहीं देखी। बीते एक माह के दौरान ही खाद्य सामग्रियों के भावों में 30 फीसदी तक उछाल आया है।
इस महंगाई ने संपन्न वर्ग को तो अधिक प्रभावित नहीं किया, लेकिन मध्यम और गरीब वर्ग चपेट में आ गया है। व्यापारियों का कहना है कि किराना वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों से सिर्फ ग्राहक वर्ग ही प्रभावित नहीं है, बल्कि व्यापारी भी परेशान हैं। महंगाई के कारण कारोबार में लागत बढ़ गई है, लेकिन खपत कम होने के कारण मुनाफा घट गया है। जो गरीब वर्ग एक लीटर तेल ले जाता था, अब वह आधा लीटर से काम चलाने को मजबूर हो रहा है। इस तरह महीने के राशन में कटौती होने लगी है। जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार महंगाई रोकने में विफल है। महंगाई से मध्यम और गरीब वर्ग परिवारों की हालत खराब हो रही है, लेकिन महंगाई पर अंकुश लगाने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
पैकिंग आटा भी महंगा

तेल के बाद अब आटा भी महंगा हो गया है। आटे की कीमतों पर 3 से 5 रुपए प्रति किलो की तेजी आई है। पांच किलो का जो बैग 150 रुपए में मिलता था, अब वह 170-175 रुपए का हो गया है।
150 रुपए लीटर पहुंची सरसों के तेल की कीमत

तेल की रफ्तार और कीमतों में तेजी देखने को मिली हैं। एक महीने पहले खाद्य तेल 130 रुपए प्रति लीटर मिल रहा था। इसी तेल के दाम एक महीने में बढ़कर 150 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। तेल के दाम बढ़ने से आम आदमी की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। जहां तेलों के दाम में वृद्धि हुई है। वहीं किराने से जुड़े अन्य सामानों में भी तेजी आई हैं। केंद्र सरकार ने कच्चे और रिफाइंड तेल पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है। सरकार के फैसले से त्यौहारी सीजन में खाने के तेल में जबरदस्त तड़का लगा है। खाद्य तेल 25-35 रुपए मंहगा हो गया है। बढ़ती महंगाई से आमजन के लिए रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे देश के किसानों को फायदा होगा।
ड्राई फ्रूट में भी आया उछालसब्जी, खाद्य पदार्थ व खाद्य तेलों के बाद ड्राई फ्रूट की कीमतों में उछाल आया है। सेहत के लिए लाभदायक माने जाने वाले ड्राई फ्रूट भी बढ़ती कीमतों के चलते आमजन की पहुंच से दूर होने लगे हैं। काजू की कीमत 800 रुपए प्रतिकिलो से बढ़कर 1100 रुपए, बादाम की कीमत 600 रुपए प्रतिकिलो से 850 रुपए, फूल मखाने 700 रुपए से 1200 रुपए प्रतिकिलो हो गए हैं।

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