scriptबढ़ती मांग ने बाजरा के दामों में लगाए पंख | Increasing demand has added wings to the prices of millets | Patrika News
धौलपुर

बढ़ती मांग ने बाजरा के दामों में लगाए पंख

पिछले तीन साल में 600 रुपए तक बढ़े बाजरा के दाम

– देश सहित विदेशों से भी आ रही बाजरा की डिमांड

धौलपुरNov 05, 2024 / 06:42 pm

Naresh

बढ़ती मांग ने बाजरा के दामों में लगाए पंख Increasing demand boosted millet prices
– पिछले तीन साल में 600 रुपए तक बढ़े बाजरा के दाम

– देश सहित विदेशों से भी आ रही बाजरा की डिमांड

धौलपुर. समय के साथ अब बाजरा की भी मांग साल दर साल बढ़ती जा रही है। जिस कारण इसके भाव भी अब बढऩे लगे हैं। हालांकि इस सीजन को छोडकऱ अन्य सीजन में बाजरा की अच्छी पैदावार होने के बावजूद भी दाम बढ़ते रहे। पिछले तीन सालों के भाव पर नजर डालें तो इन तीन सालों में 510 रुपए बाजरा के दामों में वृद्धि हुई है।
बाजरा मुख्य रूप से मोटा अनाज माना जाता है। जो पाचन के लिहाज से बेहतर होता है। पहले बाजरा का अधिक प्रयोग दक्षिण राज्यों में मुर्गी पालन के लिए किया जाता है। लेकिन अब देश और विदेश में बढ़ती बाजरे की मांग और विभिन्न कार्यों में इसके उपयोग के कारण इनके दामों में वृद्धि देखी जा रही है। 2022 में बाजरा के भाव 1915 रुपए रहा तो अगले साल यह 2110 पर पहुंच गया। 2024 में यही भाव 510 रुपए बढकऱ 2425 रुपए पहुंच गए।
125 क्विंटल बाजरा की हुई खरीद

धौलपुर जिला में बाजरा की पैदावर अच्छी खासी होती है। लेकिन इस सीजन अतिवृष्टि के कारण सैकड़ों हेक्टेयर बाजरा की फसल बर्बाद हो गई। इस सीजन अक्टूबर से अभी तक जिले भर से सैकड़ों किसानों से 4 हजार क्विंटल बाजरा की खरीदी व्यापारी कर चुके हैं। सोमवार को भी 125 क्विंटल बाजरा की खरीदी की गई है। व्यापारियों की मानें तो इस सीजन 20 प्रतिशत भी बाजरा की आवक नहीं हो रही है। अन्य ब्लॉकों में रहने वाले किसान अब बाजरा वहीं बेच देते हैं। तो वहीं मण्डी रेट के भाव कम होने के कारण किसान आढ़तियों को बाजरा दे रहे हैं।
आनाज मण्डी में प्रारंभ नहीं हुआ बाजरा खरीद

एमएसपी पर बात नहीं बनने के कारण अभी तक मण्डी में बाजरा खरीदी का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। राजस्थान में इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद मुश्किल है। जिसका कारण केंद्र सरकार के जरूरी बजट देने से इनकार करना है। ऐसे में राजस्थान सरकर भी बाजरे की सरकारी खरीद से हाथ खींच रही है। केंद्र सरकान ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2625 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है, लेकिन बाजार में यह भाव नहीं मिलता। एमएसपी पर बाजरा खरीदी के लिए सरकार को अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ती है। जो केंद्रीय मदद के बिना राज्य सरकारों के लिए यह चुनौतीपूर्ण कार्य है।
साल भाव

2022 1915

2023 2110

2024 2425

नोट: बाजरा भाव प्रति क्विंटल रुपए है।

– अभी शासन स्तर से बाजरा खरीदी का कोई आदेश नहीं आया है। जिस कारण मण्डी में बाजरा की खरीदी नहीं की जा रही है।कैलाश मीणा, अनाज मण्डी सचिव धौलपुर

Hindi News / Dholpur / बढ़ती मांग ने बाजरा के दामों में लगाए पंख

ट्रेंडिंग वीडियो