छात्र-छात्राओं का तर्क है कि इनका सेवन करने से उनमें जहां स्फूर्ति रहती है, वहीं रात में पढ़ाई के वक्त उन्हें नींद नहीं आती। ऐसे में धीरे-धीरे वे एनर्जी के नाम पर नशे का शिकार हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने इसी साल जुलाई में शैक्षणिक संस्थानों के पास ऐसे एनर्जी ड्रिंक की बिक्री प्रतिबंधित कर दी है। लेकिन राजस्थान में इसे लेकर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया है।
शोध में भी हो चुका है खुलासा
एनर्जी ड्रिंक्स का अधिक सेवन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, रक्तचाप, मोटापा और गुर्दे की क्षति समेत कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। एक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन में यह जानकारी निकलकर सामने आई है कि अक्सर एनर्जी ड्रिंक्स को शराब के साथ लिया जा रहा है। अधिकांश एनर्जी ड्रिंक्स के अवयवों में पानी, चीनी, कैफीन, कुछ विटामिनए खनिज और गैर-पोषक उत्तेजक पदार्थ जैसे गुआरना, टॉरिन तथा जिन्सेंग आदि शामिल रहते हैं। एनर्जी ड्रिंक्स में लगभग 100 मिलीग्राम कैफीन प्रति तरल औंस होता है। जो नियमित कॉफी की तुलना में आठ गुना अधिक होता है। कॉफी में 12 मिलीग्राम कैफीन प्रति तरल औंस होता है। एनर्जी ड्रिंक्स में उपरोक्त सभी स्वास्थ्य जोखिम इसमें मौजूद चीनी और कैफीन की उच्च मात्रा के कारण होता है।
कंपनी कर रही गलत प्रचार
स्कूल, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के आसपास की दुकानों में यह एनर्जी ड्रिंक खुलेआम बेचे जा रहे हैं। कंपनियों द्वारा उनके सेवन से एनर्जी मिलने के गलत प्रचार-प्रसार से बच्चे, युवा अनजाने में नशे के आदी बन रहे हैं। एनर्जी ड्रिंक का 500 मिलीग्राम से ज्यादा सेवन किया जाए तो यह खतरनाक हो सकता है। जानकारी अनुसार एनर्जी ड्रिंक की 250 ग्राम की एक बोतल में 0.03 प्रतिशत यानी 72 मिलीग्राम कैफीन होता है। यह जानकारी बकायदा बोतल पर अंकित रहती है।
एनर्जी व्यायाम से लें
एनर्जी ड्रिंक में अधिक मात्रा में शुगर होती है। वहीं इलेक्ट्रॉलाइट की मात्रा अधिक होती है। इसके सेवन से बच्चे और युवाओं को गंभीर दुष्प्रभाव से गुजरना पड़ता है, वहीं गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। कैफीन के सेवन से चिड़चिड़ापन बढ़ता है। बच्चों और युवाओं को समझने की जरूरत है कि एनर्जी नियमित व्यायाम करने और अनुशासन से आती है, न की बेवजह के एनर्जी ड्रिंक से।
इन बीमारियों का खतरा
टाइप टू डाइबटिज, हाईपरटेंशन, डीहाईड्रेशन, पेट में जलन, पेट में संक्रमण, दांतों में परेशानी, वजन का तेजी से बढ़ना सहित अन्य बीमारियां।