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धौलपुर

लॉक डाउन की छूट में ‘धौलपुर को नहीं राहत

धौलपुर. जिले से सटे पड़ोसी प्रदेश के जिलों में रोजगार और व्यापार पर निर्भर लोगों के लिए हालात दिनों दिन बिगड़ते नजर आ रहे है। एक ओर पड़ोसी प्रदेश के जिलों में प्रवेश करने पर रोडवेज व निजी बसों को अनुमति नहीं है, तो वहीं यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या में भी भारी कमी हो गई है।

धौलपुरJun 11, 2020 / 11:16 am

Naresh

Dhaulpur not relieved in lock down exemption

लॉक डाउन की छूट में ‘धौलपुर को नहीं राहत


लॉक डाउन की छूट में ‘धौलपुर को नहीं राहत
-पड़ोसी प्रदेशों के आवागमन को शुरू नहीं हुई रोडवेज व निजी बसें
-पहले होता था डेढ़ दर्जन ट्रेनों का ठहराव, आज मात्र एक ट्रेन
-आगरा व ग्वालियर से जुड़ा है जिले का रोजगार व व्यापार
धौलपुर. जिले से सटे पड़ोसी प्रदेश के जिलों में रोजगार और व्यापार पर निर्भर लोगों के लिए हालात दिनों दिन बिगड़ते नजर आ रहे है। एक ओर पड़ोसी प्रदेश के जिलों में प्रवेश करने पर रोडवेज व निजी बसों को अनुमति नहीं है, तो वहीं यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या में भी भारी कमी हो गई है। डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रेनों के ठहराव के स्थान पर हाल में एकमात्र ट्रेन संचालित है। ऐसे बड़ी संख्या में लोगों को परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि धौलपुर शहर और आस-पास के विभिन्न कस्बों व गांवों से रहने वाले हजारों लोग प्रतिदिन उत्तरप्रदेश के आगरा व मथुरा तथा मध्यप्रदेश के मुरैना व ग्वालियर नगरों व इनके आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों में व अन्य प्रतिष्ठानों में नौकरी करने जाते हैं। इसके अलावा जिले के अधिकांश छोटे-बड़े व्यापारियों का व्यापार भी इन्हीं जिलों पर टिका हुआ है। इन क्षेत्रों में काम करने वाले अथवा इन उद्योगों के संचालक प्रतिदिन सुबह यात्री रेल गाडिय़ों, बसों अथवा निजी वाहनों सहित विभिन्न यातायात साधनों से जाते हैं और इन्हीं माध्यमों से शाम को धौलपुर भी लौटते हैं। लेकिन गत 22 अप्रेल से रोडवेज व निजी बसों के संचालन पर पूर्णतया रोक लगी हुई है। इसके अलावा चलने वाली ट्रेनों का ठहराव भी नाममात्र का रह गया है। ऐसे में जिले के लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
लॉक डाउन के बदल दी दशा
लॉक डाउन से पहले धौलपुर जिले से करीब दो दर्जन रोडवेज एवं दो दर्जन निजी बसों का संचालन पड़ोसी प्रदेश के आगरा व अन्य जिलों के लिए होता था, जबकि पड़ोसी प्रदेश के जिलों में जाने वाले करीब डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रेनों का ठहराव भी धौलपुर जक्शंन पर था। बस व ट्रेनों के कारण बड़ी संख्या में लोग रोजगार व व्यापार के लिए प्रतिदिन आवागमन करते थे। लेकिन लॉक डाउन के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई, जहां एक ओर रोडवेज व निजी बसों के संचालन का पूर्णतया पाबंदी लगी हुई है, तो वहीं एक ट्रेन का संचालन हो रहा है। ट्रेन के संचालन के लिए बने कोविड-19 की गाइड लाइन भी लोगों को परेशानी बनी हुई है। ट्रेन के आवागमन का समय भी नियमित यात्रा करने वालों को रास नहीं आ रहा है।
बुला रहे है, पर जाएं कैसे
दैनिक यात्रा समिति से जुड़े लोगों ने बताया कि वह जिन स्थानों पर उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा एवं मध्य प्रदेश के मुरैना, ग्वालियर में जिन निजी स्थानों पर काम करते है, वहां से उन्हें काम करने के लिए बुलाया जा रहा है। लेकिन धौलपुर से इन स्थानों तक पहुंचने के लिए ना तो रोडवेज व निजी बसें चल रही है, और ना ही ट्रेन की सुविधा है। ऐसे में अगर व्यक्ति सड़क के रास्ते अपने निजी वाहनों आने-जाने को मजबूर बने हुए है। लोगों ने बताया कि अधिकांश फैक्ट्रियों में रहने की सुविधा नहीं हैं, जिससे वे वहां नहीं रह सकते, और वे स्वयं किराए पर कमरा लेकर रहना भी चाह रहे हैं, तो इन दिनों कोई उन्हें किराए पर मकान देने को भी तैयार नहीं है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि वे जिस तरह का काम जानते हैं, वैसा काम धौलपुर में उपलब्ध भी नहीं है। इसके चलते वे चाहकर भी धौलपुर में काम नहीं कर पा रहे हैं।
गहराया आर्थिक संकट
जिले में बड़ी संख्या में लोग प्रति दिन आवागमन करने वालों में शामिल है। ये लोगों अधिकांश निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में काम करने वाले हैं। करीब दो माह से रोजगार से वंचित होने के चलते निजी क्षेत्र के कामगारों के सामने जहां आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है, वहीं फैक्ट्री मालिकों द्वारा उनके स्थान पर किसी अन्य को काम पर रख लिए जाने से वे बेरोजगार भी हो जाएंगे। इसलिए हर किसी को नौकरी जाने का डर सता रहा है। ऐसी ही स्थिति स्थानीय व्यापारियों की है। राजाखेड़ा, मनियां, धौलपुर शहर, सैपऊ, बाड़ी, बसेड़ी व सरमथुरा के अधिकांश व्यापारियों का व्यापार पड़ोसी प्रदेश के जिलों टिका हुआ है, आवागमन के साधनों की कमी के कारण व्यापारियों को खासा परेशानी उठानी पड़ रही है।
बसों का संचालन शुरू हो
दैनिक यात्री सेवा समिति के महासचिव गोपाल दुबे ने बताया कि दैनिक यात्रा करने वाले लोगों को आ रही परेशानी के चलते राज्य के मुख्यमंत्री, सांसद व विधायक सहित जिला कलक्टर को भी मेल भेज कर इस समस्या से अवगत कराया है। प्रतिदिन यात्रा करने वालों में अनेक तो विभिन्न राज्य सरकारों व केन्द्र सरकार के कर्मचारी भी शामिल हैं। ऐसे में रोडवेज व निजी बसों का संचालन पड़ोसी प्रदेश के जिलों के लिए खुलना चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।
अभी इंटर स्टेट रोडवेज बसों के संचालन को लेकर अनुमति नहीं मिली है। धौलपुर डिपो की ओर से करीब दो दर्जन से अधिक बसों का संचालन पड़ोसी प्रदेश के जिलों में होता है, जो हाल में बंद है।
पुनीत कुमार, प्रबंधक यातायात, धौलपुर डिपो
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परौआ स्कूल में प्रधानाचार्

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