आंगनबाड़ी केंद्रों पर आ रहे पोषाहार की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर घटिया पोषाहार की सप्लाई का मामला सामने आ रहा है। जिस कारण बच्चे और लाभार्थी महिलाएं पोषाहार से दूरी बना रहे हैं। और जो ले भी जा रहा है वह इसका उपयोग नहीं कर रहे। मामले की पड़ताल करने के लिए पत्रिका टीम जब शहर के कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंची और केंद्र पर आने वाले बच्चों से जब पोषाहार के बारे में जानना चाहा तो बच्चों ने पोषाहार को खराब और बदबूदार बताया। जिससे अशंका व्याप्त होती है कि प्रदेश में गुणवत्ताविहीन पोषाहार की सप्लाई की जा रही है।
पोषाहार पकाते ही पड़ जाता है काला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि खिचड़ी में दाल नहीं आ रही है। वहीं पोषाहार पकाया जाता है, तो वो काला पड़ जाता है। जिसे गर्भवती महिलाएं और बच्चे नहीं खाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार और वर्तमान सरकार को घटिया पोषाहार की कई बार शिकायतें की गईं। लेकिन समाधान नहीं हुआ है। कार्यकर्ताएं घटिया सामग्री की शिकायत कई बार आला अधिकारियों से कर चुकी हैं। अभी दो दिन पहले ही कलक्ट्रेट परिषद में धरना देकर सीएम के नाम कलक्टर को ज्ञापन भी सौपा। कार्यकर्ताओं ने घटिया पोषाहार की सप्लाई बंद करने की मांग की।
खिचड़ी में से मूंग की दाल गायब पोषाहार खिचड़ी पैकेट से निकली सामग्री आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने दिखाई तो उसमें सिर्फ पीले चावल निकले। और मूंग की दाल कुछ दाने ही नजर आए। कार्यकर्ता ने कहा कि खिचड़ी के नाम पर जरूरतमंदों को सिर्फ चावल ही दिया जाता रहा है। एक अन्य लाभार्थी ने बताया कि उन्होंने घर में पैकेट खोल तो उसमें मूंग दाल की बजाय अधिकांश छिलके ही निकले।