केन्द्र सरकार ने इस बार गेहूं का 2175 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार प्रति क्विंटल पर 125 रुपए का बोनस अलग से दे रही है। इस तरह सरकारी खरीद पर किसान को प्रति क्विंटल के हिसाब से 2300 रुपए का भुगतान किया जाना है। जबकि वर्तमान में गेहूं का मंडी भाव 2300 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं गत वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 और मंडी भाव 2200 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल था।
सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से शुरू की गई थी। लेकिन किसान समर्थन मूल्य पर फसल बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। हालांकि गेहूं की सरकारी खरीद के लिए अभी तक 1 पंजीयन ही हुआ है। उसके बाद समय सीमा के कोई दूसरा किसान नहीं आया है। यही स्थिति सरसों और चना की भी है। सरकार ने इस बार सरसों का प्रति क्विंटल 5 650 और चने का 5440 रुपए समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। सरसों की फसल बिक्री के लिए किसान आ रहे है। गेहूं के लिए केवल एक ही किसान ने रजिस्टे्रशन कराया वह भी फसल की बिक्री को आया नहीं। वहीं सरसों की खरीद के 2036 किसानों ने रजिस्टे्रशन कराया है। लगातार किसानों से संपर्क कर रहे है। सतेन्द्र सिंह मीना, उप रजिस्ट्रार, सहकारी समिति धौलपुर
क्रय-विक्रय सहकारी केन्द्र पर अभी तक 2036 किसानों ने सरसों की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसमें से केवल 930 किसानों ने अपनी सरसों की फसल केन्द्र पर बिक्री की है। गर्मी के चलते किसान भी धीमे-धीमे पहुंच रहे है। अभी तक केवल 45 प्रतिशत ही किसान बिक्री करने के लिए पहुंचे है। केन्द्र पर लगभग 19 हजार क्विंटल सरसों की खरीद हो चुकी है। बुधवार तक 13 हजार 301 कट्टे किसानों ने फसल बिक्री की है।