शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं
भगवान शिव की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। भक्त को शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। पूर्व दिशा को भगवान शिव के लिए मुख्य द्वार माना जाता है। ऐसे में इस दिशा में मुंह करके जल जढ़ाने से महादेव नाराज हो सकते हैं।शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को जल अर्पित करते समय कभी भी मुंह उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इन दिशाओं में भगवान शिव की पीठ, कंधा आदि होता है। इसलिए इन दिशाओं में मुंह करके शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त नहीं होता। आइये जानते हैं जलाभिषेक के समय किस दिशा में हो भक्त का मुंह ..
- शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय भक्त का मुंह हमेशा दक्षिण दिशा में होना चाहिए। इससे पूरा फल मिलता है। ध्यान रखना चाहिए जल चढ़ाते समय यह उत्तर दिशा की ओर से शिवलिंग पर गिरे। इससे भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
- जलाभिषेक के लिए सोने, चांदी, पीतल या तांबे के लोटे या मिट्टी के कलश का उपयोग करना चाहिए। हालांकि स्टील, एल्युमिनियम या लोहे के लोटे के उपयोग से दूर रहना बचना चाहिए। क्योंकि ये धातुएं पूजा पाठ में शुभ नहीं मानी जातीं, इनमें शनि राहु का वास माना जाता है।
3. शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद कभी भी भगवान शिव की पूरी परिक्रमा नहीं करना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव को अर्पित किया गया जल लांघना अच्छा नहीं माना जाता है।
जल चढ़ाने के लिए विशेष शिव मंत्र
नमः शंभवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिर्ब्रम्हणोधपतिर्ब्रम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
तत्पुरषाय विद्म्हे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।।
सोमवार को शिव पूजा की सरल विधि
- सबसे पहले गणेश पूजा करें।
- गणेश पूजा के बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं। या चांदी के लोटे या मिट्टी के कलश से दूध चढ़ाएं।
- जल या दूध चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें। इस दिन पंचामृत यानी दूध, दही घी शक्कर शहद की व्यवस्था हो सके तो शिवलिंग पर जरूर चढ़ाना चाहिए।
4. अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि अर्पित करें, मिठाई का भोग लगाएं।