scriptShardiya Navratri 2nd Day: मां ब्रह्मचारिणी पूजा की आसान विधि, इन मंत्रों के जाप से मिलेगा मनचाहा वरदान | Shardiya Navratri 2nd Day Maa Brahmacharini Puja Vidhi aur Navdurga Powerful Mantra chanting brahmcharini swaroop katha | Patrika News
धर्म-कर्म

Shardiya Navratri 2nd Day: मां ब्रह्मचारिणी पूजा की आसान विधि, इन मंत्रों के जाप से मिलेगा मनचाहा वरदान

Navdurga की दूसरी शक्ति माता ब्रह्मचारिणी (Ma Brahmacharini Puja) हैं। इन माता का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है पहला ब्रह्म जिसका अर्थ है तपस्या, दूसरा चारिणी अर्थात आचरण करने वाली। आदि शक्ति ने इस स्वरूप में भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, इसलिए इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। आइये जानते हैं दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की आसान विधि और मां के पावरफुल मंत्र..

जयपुरOct 03, 2024 / 09:14 pm

Pravin Pandey

ma brahmacharini puja vidhi mantra

ma brahmacharini puja vidhi mantra: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

माता ब्रह्मचारिणी का स्वरूप और मंत्र

ब्रह्मचारिणी का अर्थ है जो ब्रह्म की प्राप्ति कराए, जो हमेशा नियम और संयम से चले। ब्रह्मचारिणी की पूजा पराशक्तियों को पाने के लिए की जाती है। इनकी कृपा से व्यक्ति को कई तरह की सिद्धियां मिलती हैं। माता के इस रूप की पूजा से सभी सिद्धियां प्राप्त होती (Ma Brahmacharini Puja) हैं। माता ने इस स्वरूप में सीख दी है कि कठिन से कठिन संघर्ष में मन को विचलित नहीं होने देना चाहिए।

संबंधित खबरें


धर्म ग्रंथों के अनुसार माता के दाएं हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल रहता है। नवरात्रि के दूसरे दिन साधक कुंडलिनी शक्ति जागृत करने के लिए इस स्वरूप की पूजा करते हैं। माता ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

1. दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतुमयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।


2. या देवी सर्व भूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

ये भी पढ़ेंः Navratri 2023: अचानक आए संकट से रक्षा के लिए कालरात्रि को लगाएं ये भोग, नवरात्रि में प्रिय फूल चढ़ाने से माता रानी देती हैं नौ वरदान


मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व

माता के इस स्वरूप की कृपा से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है, जिस पर माता की कृपा होती है उसको हर तरह की सफलता मिलती है और विजय प्राप्त होती है। इस दिन ऐसी कन्याओं का पूजन करना चाहिए, जिनका विवाह तय हो गया हो लेकिन शादी न हुई हो।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधिः मां ब्रह्मचारिणी की पूजा ऐसे करनी चाहिए।

1. एक फूल हाथ में लेकर माता का ध्यान करें और दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतुमयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।। मंत्र बोलना चाहिए।
2. इसके बाद माता को पंचामृत स्नान कराएं और फल-फूल, अक्षत, कुमकुम सिंदूर अर्पित करें। देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं। कमल का फूल भी अर्पित करना चाहिए।
3. इसके बाद या देवी सर्व भूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। मंत्र का जाप करें।
4. अब देवी मां को प्रसाद अर्पित करें, आचमन कराएं। पान-सुपारी भेंट करें, अपनी जगह पर ही खड़े होकर तीन बार प्रदक्षिणा करें।
5. घी और कपूर मिलाकर आरती करें, पूजा में त्रुटि के लिए क्षमा मांगें और प्रसाद बांटें।
ये भी पढ़ेंः kunjika stotram: सिद्ध कुंजिका स्त्रोत है मां को प्रसन्न करने की चाभी, यह है पढ़ने की विधि


मां ब्रह्मचारिणी की कथा

आदिशक्ति ने हिमालय के घर में अवतार लिया था और इस स्वरूप में नारदजी के उपदेश के प्रभाव से शंकरजी को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस स्वरूप में माता ने एक हजार वर्ष तक फल-फूल खाकर बिताए और सौ वर्ष तक जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया। उपवास रखा और खुले आसमान के नीचे रहकर वर्षा और धूप को सहन किया।

तीन हजार वर्ष तक जमीन पर गिरे बेलपत्रों को खाकर भगवान शिव की तपस्या की। इसके बाद पत्ते खाना छोड़ दिया और कई हजार वर्ष तक निर्जल उपवास रखा, जिससे इनका नाम अपर्णा पड़ा। कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर क्षीण हो गया था। इस पर देवताओं और ऋषियों ने प्रकट होकर कहा-हे देवी ऐसी कठिन तपस्या तुम से ही संभव थी, तुम्हें चंद्र मौली शिव जरूर प्राप्त होंगे। घर लौट जाओ।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Shardiya Navratri 2nd Day: मां ब्रह्मचारिणी पूजा की आसान विधि, इन मंत्रों के जाप से मिलेगा मनचाहा वरदान

ट्रेंडिंग वीडियो