1- मेष राशि- मेष राशि के जातकों को शनि के कारण वाहन संबंधी सुख, शत्रुभय, निर्माण कार्य पर व्यय स्वास्थ्य में गिरावट आदि।
2- वृषभ राशि- वृषभ वालों को कुटुम्भ में एकता, सुखद समाचार प्राप्ति, पारिवारिक सुख, मित्रों का सहयोग मिलता है।
3- मिथु राशि- मिथुन वालों का शत्रु पक्ष कमजोर रहता है, सुखद समाचार मिलता है, भूमि वाहन से लाभ, मांगलिक कार्य बिना बाधा के पूरे होते हैं।
4- कर्क राशि- माता का स्नेह सदैव मिलता है, धन संबंधित कार्यों में सफलता मिलते रहती है, मित्रों से अच्छे संबंध बने रहते हैं।
5- सिंह राशि- मानसिक व्यग्रता, स्त्री कष्ट, स्वास्थ्य लाभ, पारिवारिक मामलों में व्यस्तता बनी रहती है।
6- कन्या राशि- भाग्य उदय होने के रास्ते मिलते रहते हैं, व्यापार में लाभ मिलते रहता है। मित्रों का भरपूर सहयोग मिलता है, न्यायिक कार्यों में भी सफलता आसानी से मिल जाती है।
7- तुला राशि- नए कार्यों में बिना बाधा के सफलता मिल जाती है, लेकिन पारिवारिक कलह होते रहते है। उदर एवं नेत्र संबंधित परेशानी कभी-कभी होती रहती है।
8- वृश्चिक राशि- स्थानांतरण से लाभ की प्राप्ति होती है, जमान जायजाद में वृद्धि होती है, शत्रुओं का भय बना रहता है, वाहनों से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
9- धनु राशि- विद्या क्षेत्र से जुड़े जातकों को लाभ होता है, अधिकतर कार्यों में सफलता मिलती है। संतान पक्ष से सुख भी मिलता है, धार्मिक क्षेत्र में सहयोग व सम्मान मिलता है।
कुल इतने मूल नक्षत्र होते हैं, जानें इनके वदोक्त लाभकारी मंत्र10- मकर राशि- भवन संबंधित कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होते हैं, उच्च शिक्षा प्राप्त होती है। मांगलिक कार्यों में बाधा नहीं आती, स्त्री पक्ष से लाभ होता है।
11- कुंभ राशि- धन का खर्च अधिक होता है। जीवन में मेहनत भी अधिक करना पड़ता है। व्यर्थ के कार्यो में नुकसान भी अक्सर होता है। शत्रुओं से बना रहता है।
12- मनचाहे वाहनों का सुख मिलता है, स्थानांतरण से लाभ होता है। भूमि निर्माण कार्यो में भी लाभ होता है। उच्च शिक्षा प्राप्त होती है। धन आवक में कोई बाधा नहीं आती।
उपरोक्त शनि ग्रह का विचार गोचर ग्रहों के आधार पर होता है। शनि की कृपा पाने के लिए शनि के इन बीज मंत्र का जप प्रतिदिन रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। साथ बताएं गए आसान उपायों को भी करना चाहिए।
शनि बीज मंत्र-
1- ऊँ शे शनैश्चराय नमः।।
2- ऊँ ऐं हीं शनैश्चराय नमः।।
जानें ग्रह और नक्षत्रों के नाम एवं उनसे संबंधित मंगलकारी इच्छा पूर्ति पेड़-पौधेउपरोक्त मंत्रों का जप करने के साथ शनि संबंधित ये उपाय भी करें-
1- लोहे की कटोरी में तेल लेकर उसमें अपनी छाया देखकर उसी तेल को पांच शनिवार तक थोड़ा-थोड़ा आक (अकाव) के पौधे में डालें। पांचवें शनिवार तेल डालने के बाद उस कटोरी को उसी अकाव के पेड़ के नीचे गाड़ दें।
2- शनि स्त्रोत का प्रति शनिवार को 40 बार जप करने से शनि के कुप्रभाव से शीघ्र लाभ मिलता है।
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