भोपाल के पंडितों का कहना है कि इस दिन अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए, साथ ही अपने पूर्वजों की याद में पौधरोपण कर उनकी रक्षा का संकल्प लेना चाहिए, इससे पितरों की भी विशेष कृपा मिलती है। शहर में राधा कृष्ण मंदिरों में हरियाली अमावस्या से हिंडोला उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान रोजाना अलग-अलग स्वरूपों में श्रीजी का शृंगार और झूला दर्शन होगा। मंदिरों में यह सिलसिला पूर्णिमा अर्थात रक्षाबंधन तक चलेगा। इसी तरह महाराष्ट्रियन समाज का सावन माह भी हरियाली अमावस्या के साथ शुरू होगा।
हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि तीन अगस्त शनिवार शुरू हुई है, वहीं इस अमावस्या के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस तिथि का आरंभ दोपहर तीन बजकर 50 मिनट से हुआ,अमावस्या तिथि का समापन चार अगस्त रविवार के दिन शाम चार बजकर 42 मिनट पर होगा, उदया तिथि के अनुसार इस बार हरियाली अमावस्या चार अगस्त दिन रविवार को है।इस दिन पेड़ काटने से लगता है दोष
पंडित विष्णु राजौरिया के अनुसार हरियाली अमावस्या का पर्व धार्मिक के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। प्राचीन समय से इसी दिन जड़ी बूटियों को संरक्षित और चिह्नित किया जाता है और प्रकृति को हरा भरा रखने के लिए पौधे लगाए जाते हैं। यह परंपरा ऋषि मुनियों के समय से चली आ रही है। इस दिन पेड़ काटने या उन्हें किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाने से दोष लगता है। इस दिन पूर्वजों की याद में पौधरोपण करना श्रेष्ठ फलदायी होता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।कौन सी राशि वाले कौन से पौधे लगाएं
मेष: आम, अकौआ, नीम वृषभ: पलाश, पारस पीपल मिथुन: अपामार्ग, वट