नाग देवता की पूजा कैसे करते हैं और क्या पढ़ते हैं
नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध और सुगंधित पुष्प अर्पित किए जाते हैं। नागपंचमी पर शिवलिंग के पास स्थित नाग देवता को अर्पित करना चाहिए। विशेष रूप से चमेली का फूल चढ़ाना चाहिए। इस समय नाग देवता का मंत्र वासुकिः तक्षकश्चैव कालियो मणिभद्रकः, ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ॥ एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम्॥ का जाप करना चाहिए और नीचे लिखी आरती पढ़नी चाहिए।नाग देवता आरती (Nag Devta Aarti)
आरती कीजे श्री नाग देवता की,
भूमि का भार वहनकर्ता की।
उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त,
सभी करते है सेवा॥
मनोकामना पूरण करते,
तन-मन से जो सेवा करते।
आरती कीजे श्री नाग देवता की॥
कीजे श्री नागदेवता की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की॥ महादेव के गले की शोभा,
ग्राम देवता मै है पूजा।
श्वेत वर्ण है तुम्हारी ध्वजा॥ दास ऊंकार पर रहती कृपा,
सहस्त्रफनधारी की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की,
भूमि का भार वहनकर्ता की॥
आरती कीजे श्री नाग देवता की॥