जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार जो भक्त मोक्ष चाहते हैं उन्हें 5 मेरू का संकल्प पूरा करना होता (Meru Trayodashi Puja Vidhi) है। इसके लिए भक्तों को 20 नवकारवली के साथ ओम् रं श्रीं आदिनाथ पारमगत्या नमः, ओम् रं श्रीं आदिनाथ परगनाय नमः मंत्र का जाप किया जाता है। इस दिन भक्त कोविहार रूपी कठिन उपवास का पालन करते हैं। वे अन्न ग्रहण नहीं करते और साधु को दान देने की प्रक्रिया का पालन करना होता है।
यह करना चाहिए
1. इस दिन मंदिरों में जाकर दान देने का विशेष महत्व है।
2. इस दिन धार्मिक गीतों और कथाओं को सुनना शुभ माना जाता है।
3. व्रत और दान से अतीत में किए पापों से छुटकारा मिलता है।
4. मेरू त्रयोदशी व्रत से भक्त के जीवन में सुख समृद्धि आती है।
5. मेरू त्रयोदशी व्रत में भक्त को संयम का पालन करना होता है।