देवी भागवत पुराण के अनुसार, देवी महाकाली के विभिन्न सौम्य और उग्र स्वरूप ही दस महाविद्या के रूप में प्रतिष्ठित हैं। देवी महाकाली भगवान शिव के महाकाल स्वरूप की शक्ति हैं। ब्रह्मनील तंत्र के अनुसार देवी काली, रक्त वर्ण और कृष्ण वर्ण, दो रूपों में स्थित हैं। कृष्ण वर्ण की काली का नाम दक्षिणा और रक्तवर्णा काली का नाम सुंदरी है।
काली जयंतीः सोमवार 26 अगस्त 2024 को
अष्टमी तिथि प्रारंभः सोमवार 26 अगस्त 2024 को सुबह 03:39 बजेअष्टमी तिथि समापनः मंगलवार 27 अगस्त 2024 को सुबह 02:19 बजे
निशिता पूजा समयः सोमवार रात 11:59 बजे से रात 12:45 बजे तक (27 अगस्त सुबह)
अवधिः 00 घंटे 45 मिनट
महाविद्या काली का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महाविद्या काली मां आदिशक्ति के सबसे अधिक शक्तिशाली स्वरूपों में से एक हैं। ये प्रसन्न होने पर हर संकट दूर करती हैं, सुख समृद्धि देती हैं, नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती हैं। मां काली की साधना करने से भक्तों के मन का भय दूर होता है और बीमारियों का नाश होता है।मां काली की पूजा विधि
- स्नान ध्यान कर शुद्धता से स्वच्छ कपड़े पहनकर मां काली की पूजा शुरू करें।
- काली मां पूजा से पहले गणेश जी को विराजित करें और सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. फिर मां काली को पंचामृत से स्नाना कराएं।
- अब पूजा वाले स्थान पर काली माता की मूर्ति या उनकी तस्वीर को स्थापित करें और उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं, सिंदूर चढ़ाएं।
- चुनरी अर्पित करें, मां काली को गुड़हल का फूल, काली उड़द, काला तिल चढ़ाएं।
- मां को तिलक, हल्दी, रोली और कुमकुम भी लगाएं, साथ ही श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का 108 बार जप करें।
- काली माता को खिचड़ी और तली हुई सब्जियों का प्रसाद चढ़ाएं। इससे भक्तों की सभी मनोकामनाए पूरी करती हैं।
- मां की कथा सुनें या पढ़ें, मां की आरती गाएं और मां को भोग लगाएं के बाद प्रसाद को सभी में वितरित करें.
मां काली के मंत्र
- मां काली 22 अक्षरीय मंत्र
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके
क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा। - एकाक्षरीय काली मंत्र
ॐ क्रीं - तीन अक्षरीय काली मंत्र
ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं। - पंचाक्षरीय काली मंत्र
ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्। - छह अक्षरीय काली मंत्र
ॐ क्रीं कालिके स्वाहा। - सप्ताक्षरीय काली मंत्र
ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा। - श्री दक्षिणा काली मंत्र
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं
दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं। - श्री दक्षिणा काली मंत्र
क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा। - श्री दक्षिणा काली मंत्र
ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं
दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा। - श्री दक्षिणा काली मंत्र
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा। - भद्रकाली मंत्र
ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा। - श्री श्मशान काली मंत्र
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं।