scriptक्या आप जानते हैं भगवान शिव के जन्म से जुड़ा ये बड़ा रहस्य, जानें कैसे उत्पन्न हुए भोलेनाथ | Learn This Big Secret Related To The Birth Of Lord Shiva | Patrika News
धर्म-कर्म

क्या आप जानते हैं भगवान शिव के जन्म से जुड़ा ये बड़ा रहस्य, जानें कैसे उत्पन्न हुए भोलेनाथ

देवों में सबसे प्रथम हैं भगवान शिव (Lord Shiva)। उन्हें स्वयंभू कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वह मानव शरीर से पैदा नहीं हुए हैं। जब कुछ नहीं था तो शिव थे और जब कुछ भी नहीं रहेगा तो शिव रहेंगे….
 

Nov 03, 2020 / 01:44 pm

भूप सिंह

shiv_shankar.jpg

भगवान शिव (Lord Shiva) को सोमवार का दिन समर्पित है। कहते हैं अगर सोमवार को सच्चे मन से शिव को याद किया जाए तो इंसान के सारे कष्टों का निवारण हो जाता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। बर्शते सोमवार के दिन सुबह—सुबह ही स्नान करके शिव की आराधना करनी चाहिए। शिव हमेशा अपने भक्तों पर मेहरबान रहते हैं। शिव को स्वयंभू कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वह अजन्मा हैं। वह ना आदि हैं और ना अंत। भोलेनाथ को अजन्मा और अविनाशी कहा जाता है। आइए जानते हैं उनके जन्म से जुड़ा एक बड़ा रहस्य।

तीनों लोगों के राजा हैं शिव
तीनों लोकों में भगवान शंकर को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। भगवान ब्रह्मा सृजनकर्ता, भगवान विष्णु संरक्षक और भगवान शिव विनाशक की भूमिका निभाते हैं। त्रिदेव मिलकर प्रकृति के नियम का संकेत देते हैं कि जो उत्पन्न हुआ है, उसका विनाश भी होना तय है। इन त्रिदेव की उत्पत्ति खुद एक रहस्य है। कई पुराणों का मानना है कि भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु शिव से उत्पन्न हुए। हालांकि शिवभक्तों के मन में सवाल उठता है कि भगवान शिव ने कैसे जन्म लिया था?

स्वयंभू हैं शिव
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान शिव को स्वयंभू कहा जाता है। जिसका अर्थ है वह मानव शरीर से पैदा नहीं हुए हैं। जब भी कुछ भी था तो शिव और जब कुछ भी नहीं रहेगा तो भी शिव रहेंगे। शिव को आदिदेव भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है हिंदू माइथोलॉजी में सबसे पुराने देव से है। वह देवों में प्रथम हैं। शिव के जन्म से संबंधित एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि जब एक बार एक—दूसरे से श्रेष्ठ साबित करने के लिए ब्रह्मा और विष्णु के बीच जमकर बहस हुई तो तभी एक रहस्मयी खंभा दिखाई दिया। उसी समय एक आवाज आई कि इसके उपरी और निचले छोर का पता लगाओं। तभी विष्णु और ब्रह्मा इस खंभे का छोर ढूढ़ने निकल पड़े, लेकिन अथक प्रयास के बाद वे इस खंभे का छोर नहीं ढूढ़ पाए तो उन्होंने शिव शंकर को उनका इंतजार करते हुए बतााया। उस समय ब्रह्मा और विष्णु को आभास हुआ कि ब्रह्माण्ड को एक सर्वोच्च शक्ति चला रही है जो भगवान शिव हैं। इसके अलावा शिवजी के जन्म को लेकर कई और भी कथाएं प्रचलित हैं। दरअसल, भगवान शिव के 11 अवतार माने जाते हैं। इन अवतारों की कथाओं में रुद्रावतार की कथा काफी प्रचलित है।

कूर्म पुराण के अनुसार जब सृष्टि केा उत्पन्न करने में ब्रह्मा जी को कठिनाई होने लगी तो वह रोने लगे। ब्रह्मा जी के आंसुओं से भूत-प्रेतों का जन्म हुआ और मुख से रूद्र उत्पन्न हुए। रूद्र भगवान शिव के अंश और भूत-प्रेत उनके गण यानी सेवक माने जाते हैं। शिव पुराण के अनुसार, एक बार जब भगवान शिव अपने टखने पर अमृत मल रहे थे तब उससे भगवान विष्णु पैदा हुए जबकि विष्णु पुराण के अनुसार शिव भगवान विष्णु के माथे के तेज से उत्पन्न हुए बताए गए हैं। संहारक कहे जाने वाले भगवान शिव ने एक बार देवों की रक्षा करने हेतु जहर पी लिया था और वह नीलकंठ कहलाए।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / क्या आप जानते हैं भगवान शिव के जन्म से जुड़ा ये बड़ा रहस्य, जानें कैसे उत्पन्न हुए भोलेनाथ

ट्रेंडिंग वीडियो