चंद्र ग्रहण 2020 :-
दिन | : प्रकार | : समयकाल | : दृश्यता | : सूतक काल |
10-11 जनवरी | : उपच्छाया चंद्र ग्रहण | : 22:37 से 02:42 तक | : भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में | : नहीं |
5-6 जून | : उपच्छाया चंद्र ग्रहण | : 23:16 से 02:34 तक | : भारत समेत यूरोप, साथ ही साथ अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्से | : नहीं |
5 जुलाई | : उपच्छाया चंद्र ग्रहण | : 08:38 से 11:21 तक | : अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से,यह भारत में नजर नहीं आया था | : नहीं |
30 नवंबर | : उपच्छाया चंद्र ग्रहण | : 13:04 से 17:22 तक | : एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में | : नहीं |
चंद्र ग्रहण का प्रभाव :
चंद्र ग्रह को मन-मस्तिष्क, माता एवं द्रव्य पदार्थ का कारक माना जाता है। चंद्र ग्रहण का मानव जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान अत्याधिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है इस वजह से वो अशुभ फल देता है। इस चंद्र ग्रहण का वृषभ राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। इस दौरान स्वास्थ्य और धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि 30 नवंबर को उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। जिसके कारण इसमें सूतक काल नहीं लगेगा और न ही किसी की राशि पर कोई प्रभाव पड़ेगा।
ज्योतिषों के अनुसार साल 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण का असर भारत पर कम पड़ेगा। इस दिन चंद्र ग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा।
30 नवंबर को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण का समय
यह इस साल यानि 2020 का चौथा व आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। जो 30 नवंबर 2020 सोमवार को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण 13:04 से 17:22 तक दिखाई देगा। हिंदू पंचांग के अनुसार यह चंद्र ग्रहण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में होगा। इसलिये वृषभ राशि के जातकों को इस समय कुछ परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।
: 30 नवंबर 2020 को उपच्छाया चंद्र ग्रहण 13:04 से 17:22 तक रहेगा।
: यहां दिखेगा चंद्रग्रहण :एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में।
: उपच्छाया से पहला स्पर्श : 30 नवंबर 2020 की दोपहर 1.04 मिनट पर।
: परमग्रास : 30 नवंबर की दोपहर 3.13 बजे।
: उपच्छाया से अंतिम स्पर्श : 30 नवंबर की शाम 5.22 बजे।
वहीं दिन होने के कारण भारत में इसे देखना संभव नहीं हो पाएगा।
30 नवंबर 2020 के चंद्र ग्रहण का सूतक काल :
ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण है, इसलिए सूतक काल नहीं माना जाएगा। वैसे इस दौरान शुभ कार्य नहीं होंगे और पूजा पाठ भी नहीं होंगे।
सोमवार को चंद्रग्रहण:
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार सोमवार का चंद्रग्रहण सदैव ही काफी चीजों में बेहद भयानक माना जाता है। इसका कारण ये है कि सोम का अर्थ ही चंद्र माना जाता है, वहीं चंद्र के ही दिन उस पर ग्रहण लगना काफी परेशानियों का कारण बनता है। ज्योतिष में जहां चंद्र को मन का कारक माना गया है, वहीं इस दिन यानि सोमवार जिस पर चंद्र का अधिपत्य माना जाता है, के कारक स्वयं महादेव हैं। ऐसे में सोमवार के दिन का ग्रहण मानव मन को बुरी तरह से विचलित करने का काम भी करता है। ऐसे में मन के विचारों के चलते ये समय काफी ज्यादा दिक्कतों वाला रहने की संभावना भरा रहता है। वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार चंद्र के दिन यानि सोमवार को ही चंद्र का ग्रास बनना किसी भी स्थिति में उचित नहीं माना जा सकता।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव :
चंद्र ग्रह को मन-मस्तिष्क, माता एवं द्रव्य पदार्थ का कारक माना जाता है। चंद्र ग्रहण का मानव जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान अत्याधिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है इस वजह से वो अशुभ फल देता है। इस चंद्र ग्रहण का वृषभ राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। इस दौरान स्वास्थ्य और धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
चंद्र ग्रहण क्यों होता है?
चंद्रमा का पृथ्वी की ओट में आ जाना। उस स्थिति में सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है। जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है।
क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
उपच्छाया चंद्र ग्रहण में पृथ्वी की छाया वाले क्षेत्र में चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा पर पड़ने वाला सूर्य का प्रकाश कटा हुआ प्रतीत होता है। ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करती जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं। उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा धरती की वास्तवित छाया में न आकर उसकी उपच्छाया से ही वापस लौट जाता है। जिसके कारण चांद में एक धुंधली सी परत नजर आती है। वास्तविक चंद्रग्रहण की तरह की इस चंद्रग्रहण में भी आकार में कोई फर्क नहीं पड़ता है। बस चांद की रोशनी थोड़ी धुंधली हो जाती है। इसे सिर्फ उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं ना कि चंद्र ग्रहण।
चंद्र ग्रहण 2020 के दौरान बरतें यह सावधानियां :
: ग्रहण के दौरान कोई भी नया काम शुरु न करें।
: चंद्र ग्रहण के शुरु होने से पहले खाने की सामग्री में तुलसी के पत्ते डालें। और तुलसी के पेड़ को ग्रहण के दौरान न छुएं।
: चंद्र ग्रहण के दौरान आपको धार्मिक और प्रेरणादायक पुस्तकों को पढ़ना चाहिए, इनको पढ़ने से आपके अंदर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी। इसके साथ ही मंत्रों के जाप करने से भी ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है।
: ग्रहण के दौरान खाना न बनाएं और खाना खाने से भी बचें। खाना बनाना और खाना दोनों को ही ग्रहण के दौरान शुभ माना जाता है।
: ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को तेज धारदार औजारों जैसे चाकू, कैंची और छुरी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इससे शीशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
: इस समया देवी देवताओं की मूर्ति और तस्वीरों को भी नहीं छूना चाहिए।
: ग्रहण के दौरान दांतून करने, बालों पर कंघी लगाने और मलमूत्र का त्याग करने से भी बचना चाहिए।
: ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
: ग्रहण समाप्ति के बाद यदि आप जरुरतमंदों को जरुरी चीजें दान करते हैं तो इससे आपको अच्छे फलों की प्राप्ति होती है।
: ग्रहण के दौरान : “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्” मंत्र का जाप करें।
: चंद्र देव की पूजा करें और ध्यान लगाने की कोशिश करें।