कर्मनाशा नदी
बिहार और उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक है कर्मनाशा नदी। इन दोनों राज्यों के लोगों का मानना है कि जो इस नदी के पानी को छूता है, उसके बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। वहीं कुछ लोग कहते हैं कि इस नदी का पानी ही शापित है, इसलिए लोग इसके पानी में नहाना तो दूर, इसे छूने से भी बचते हैं।
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फल्गु नदी
बिहार के गया जिले में बहने वाली फल्गु नदी के बारे में कहा जाता है। गया में हर साल लाखों लोग पिंडदान और श्राद्ध करने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इस नदी के पास कोई नहीं आता। यहां के लोग इस नदी को देवी नहीं, मानते हैं। लोगों के बीच धरणा है कि इस नदी को माता सीता ने शाप दिया था, तब से लोग इस नदी पर जाने से बचते हैं ।
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कोसी नदी
कोसी को बिहार का शोक तक कहा जाता है। नेपाल से हिमालय में निकलने वाली यह नदी बिहार के सुपौल, पूर्णिया, कटिहार से बहती हुई राजमहल के पास गंगा में मिल जाती है। कहते हैं जब भी इस नदी में बाढ़ आती है, कई लोगों की जान ले जाती है। इस नदी में भी धार्मिक महत्व के स्नान नहीं किए जाते।
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चंबल नदी
चंबल मध्यप्रदेश की प्रमुख नदी है। इस नदी में धार्मिक महत्व के स्नान नहीं किए जाते। एक कहानी के मुताबिक, राजा रतिदेव ने हजारों जानवरों को मार डाला था और खून को इस नदी में बहने दिया था। इस घटना के बाद से इस नदी को अपवित्र नदी मान लिया गया।