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धर्म-कर्म

कलाई पर बंधा कलावा! महज एक सूत्र नहीं है, यह है रक्षाकवच

– पुराणों के अनुसार हाथों में बंधा कलावा मंगलवार और शनिवार को बदलना ही शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान कलावा बांधना और बदलना चाहिए। इससे संकटों से रक्षा होती है।

Aug 05, 2023 / 12:07 pm

दीपेश तिवारी

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कलाई पर कलावा बांधने की परंपरा हिंदू धर्म में बहुत पुरानी है। पूजा-अनुष्ठान आदि धार्मिक कार्य कलावा बंधने के साथ ही संपन्न माने जाते हैं। सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है विधिवत बांधे गए कलावे को। कई ज्योतिषाचार्यों का मानना है हाथ में कलावा बांधने से नेगेटिव एनर्जी दूर होती है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोलॉजिकल एंड वैदिक साइंसेज की ज्योतिषाचार्य आचार्य अनुपमा अग्रवाल का कहना है कलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है।

इसे हाथ में 3 या 5 बार घुमाकर बांधना काफी शुभ माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इससे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं ज्योतिष के मुताबिक अलग-अलग रंग के कलावा बांधने का संबंध अलग-अलग ग्रहों से होता है। इसके अलावा सेहत के लिए भी कलावा बांधना अच्छा होता है।

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होती है त्रिदेव की कृपा
कलावा बांधने के कुछ नियम बताए गए हैं। मान्यता है कलावा कलाई पर जब तीन बार लपेटा जाता है, तो ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेव की कृपा प्राप्त होती है। इतना ही नहीं सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती तीनों देवियों का भी आशीर्वाद मिलता है। हाथों में कलावा बांधते समय इस मंत्र का जाप किया जाता है- ‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।’

इसके पीछे हैं पौराणिक कहानियां
एक खास वैदिक परंपरा है- हाथ में कलावा बांधना। कलावा को मौली भी कहते हैं। कहा जाता है जो कोई भी विधि विधान से कलावा बांधता है, उसकी हर प्रकार के अनिष्ट से रक्षा होती है।

कलावे को लेकर कुछ पौराणिक कहानियां भी प्रचलित हैं। कहते हैं भगवान विष्णु के वामन अवतार में सामने आने के बाद राजा बलि ने उनसे अपने साथ पाताल लोक में रहने का अनुरोध किया। इसके बाद भगवान विष्णु पाताल में ही रहने लगे। तब माता लक्ष्मी ने राजा बलि के हाथ में कलावा बांधकर उन्हें अपना भाई बना लिया और उनसे भगवान विष्णु को वापस मांग लिया।

संकल्प, रक्षा और विश्वास का प्रतीक
संकल्प, रक्षा और विश्वास का प्रतीक कलावा को माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक व्यक्ति पर त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु व महेश एवं त्रिदेवियां- लक्ष्मी, पार्वती व सरस्वती की कलावा बांधने से कृपा बनी रहती है।

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कलावे से मजबूत होते हैं ग्रह
एस्ट्रोलॉजर पंडित विजय गोयल का कहना है कलावा आत्मविश्वास को बढ़ाता है। उनका कहना है ज्योतिषशास्त्र के अनुसार लाल रंग का कलावा बांधने से मंगल ग्रह मजबूत होता है, वहीं पीले रंग का कलावा बांधने से कुंडली में गुरु मजबूत होता है, जिससे जीवन में सुख-संपन्नता आती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, पुरुष और अविवाहित महिलाओं के दाएं हाथ में कलावा या मौली बांधते हैं, जबकि विवाहित महिलाओं के बाएं हाथ में मौली या कलावा बांधा जाता है। मौली या कलावा बंधाते समय मुट्ठी बंद होनी चाहिए और एक हाथ अपने सिर पर होना चाहिए।

सेहत से जुड़ा कलावा
कलावा सेहत के लिए अच्छा है। कलावा बांधने का धार्मिक महत्त्व ही नहीं है, बल्कि व्यक्ति का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। इससे हार्ट संबंधी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि रोगों में फायदा मिलता है। शोधकर्ताओं का मानना है, यह नसों से संबंधित क्रियाओं को नियंत्रित करता है।

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