आचार्य रत्नसेन का तिरुपुर में मंगल प्रवेश ३० को ईरोड. आचार्य विजय रत्नसेन सूरिश्वर आदि ठाणा ने ईरोड से विहार किया। सभापतिपुरम में सुविधिनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट के आराधना भवन में आचार्य का चार दिन प्रवास रहेगा। यहां से विहार कर ३० मई को सुबह तिरुपुर में प्रवेश करेंगे, जहां प्रेम सूरिश्वर मुनि का गुणानुवाद सभा का आयोजन होगा। गौरतलब है कि प्रेम सूरिश्वर मुनि का जन्म राजस्थान के पिंडवाड़ा में हुआ था। शत्रुंजय महातीर्थ की धरा पर उन्होंने संयम जीवन स्वीकार कर फलाहार, मेवे आदि का त्याग कर मात्र ७ द्रव्यों से एकासना का नियम लिया था। ३० मई को सुबह ९ बजे गुणानुवाद सभा का आयोजन होगा।
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर ट्रस्ट पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में पदाधिकारियों को दायित्व सौंपे गए हैं। ३० मई को आचार्य संघ का तिरूपुर में प्रवेश होगा। इसके बाद सुबह गुणानुवाद सभा होगी जिसमें प्रेम सूरिश्वर मुनि के गुणों का व्याख्यान किया जाएगा। इस संबंध में आगामी धार्मिक कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की जाएगी।