जानें किस उम्र में कौन सा ग्रह कब असर दिखाता हैं
तंत्र क्रिया, जादू टोने या फिर भूत प्रेत, ऊपरी हवाओं से बचने के लिए करें ये उपाय-
1- ऊपरी हवाओं से मुक्ति पाने के लिए, हनुमान चालीसा का पाठ 7 बार पढ़कर जल अभिमंत्रित करें औऱ पीड़ित व्यक्ति को पीला दे।
2- 108 बार गायत्री का जप करने के बाद गाय के घी से गायत्री यज्ञ करने से तुरंत लाभ मिलता है।
3- सूर्यास्त के समय स्नान करके एक साफ-सुथरे बर्तन में आधा किलो गाय के कच्चे दूध में शुद्ध शहद की नौ बूंदें मिलावें। अब घर की छत से नीचे तक प्रत्येक कमरे, जीने, गैलरी आदि सभी जगहों पर उस दूध के छींटे हनुमान चालीसा का पाठ या गायत्री मंत्र का उच्चारण करते रहे। बचे हुए दूध को मुख्य द्वार के बाहर गिरा दें।
4- रविवार के दिन सुबह दाहिने हाथ की बांह पर काले धतूरे की जड़ बांधने से ऊपरी हवाओं से तुरंत मुक्ति मिलती है।
5- लहसुन के रस में हींग घोलकर आंख में डालने या सुंघाने से पीड़ित व्यक्ति को ऊपरी हवाओं तुरंत मुक्ति मिलता है।
बगलामुखी माता की ये स्तुति बना देगी बिगड़े सारे काम
6- ष् ओम नमो भगवते रुद्राय नमः कोशेश्वस्य नमो ज्योति पंतगाय नमो रुद्राय नमः सिद्धि स्वाहा। श्श
7- घर के मुख्य द्वार के पास सफेद अकाव का पौधा लगाने से भूत-प्रेत, ऊपरी हवाओं से हमेशा रक्षा होती है।
8- ऊपरी बलाओं से मुक्ति के लिए प्रातः काल इस बीज मंत्र “झ्क्लींश्” का उच्चारण करते हुए काली मिर्च के नौ दाने सिर पर से घुमाकर दक्षिण दिशा की ओर फेंक दें।
9- रविवार स्नान के बाद सुबह काले कपड़े की छोटी थैली में तुलसी के आठ पत्ते, आठ काली मिर्च और सहदेई की जड़ बांधकर गले में धारण करें, नजर दोष बाधा से आजीवन बचाएं रखेगी।
10- भूत-प्रेत बाधा से तुरंत मुक्ति के लिए थोड़ा-सा जीरा 7 बार अभिमंत्रित करके रोगी के शरीर से स्पर्श कराएं और उसे अग्नि में डाल दें। रोगी इस स्थिति में बैठे कि उसका धूंआ सीधे उसके मुख के सामने आये।
इस मंत्र से जीरा को करें अभिमंत्रित- जीरा जीरा महाजीरा जिरिया चलाय। जिरिया की शक्ति से फलानी चलि जाय॥ जीये तो रमटले मोहे तो मशान टले। हमरे जीरा मंत्र से अमुख अंग भूत चले॥ जाय हुक्म पाडुआ पीर की दोहाई॥
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