खास बात यह है कि इस साल भी हनुमान जयंती इसी नक्षत्र और लग्न में है। इसी के साथ सिद्ध योग और वज्र योग इसे खास बना रहे हैं। साथ ही यह जयंती मंगलवार को है, जिसके देवता बजरंगबली हैं। इसी दिन युद्ध, पराक्रम और साहस के कारक मंगल ग्रह 23 अप्रैल 2024 को सुबह 08.19 बजे मीन में प्रवेश करेंगे। इसलिए यह हनुमान जयंती और विशेष हो गई है। इस दिन बजरंग बली की पूजा अर्चना से मंगल दोष, शनि दोष आदि से भी राहत मिलेगी। आपके संकट दूर हो जाएंगे।
इन ग्रहों की बनेगी युति
वाराणसी के पं. शिवम तिवारी के अनुसार हनुमान जयंती पर ग्रहों के योग से दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन चित्रा नक्षत्र का प्रभाव तो रहेगा ही मंगल मीन राशि में आकर राहु, शुक्र, बुध, नेपच्यून के साथ युति बनाएंगे, जिससे पंचग्रही योग बनेगा। खास बात यह है कि हनुमान जयंती के दिन मंगलवार का भी शुभ संयोग है।हनुमान जयंती कब है
पूर्णिमा तिथि प्रारंभः 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03:25 बजेपूर्णिमा तिथि समाप्तः 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05:18 बजे
(हनुमान जयंती उदयातिथि में मंगलवार 23 अप्रैल 2024 को मनेगी)
हनुमानजी की पूजा का सबसे शुभ समयः सुबह 9.03 बजे से 10.41 बजे तक
हनुमान जयंती के योग
वज्र योगः सुबह 4.57 से 24 अप्रैल तकसिद्धि योगः पूरे दिन
चित्रा नक्षत्रः 23 अप्रैल रात 10.32 बजे तक
उदय लग्न मुहूर्तः मेष सुबह 05:27 बजे से 07:07 बजे तक
हनुमान जयंती पूजा मुहूर्त
हनुमान जयंती पर ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4.20 बजे से 5.04 बजे तकअभिजीत मुहूर्तः सुबह 11.53 बजे से दोपहर 12.46 बजे तक
हनुमान जयंती पहली पूजा मुहूर्तः सुबह 9.03 बजे से दोपहर 1.58 बजे तक
हनुमान पूजा मुहूर्त: रात 08.14 बजे से रात 09.35 बजे तक
हनुमान जयंती का कार्यक्रम
हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा को मनाई जाती है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हनुमान जयंती इस दिन से शुरू होकर 41 दिनों तक मनाई जाती है और वैशाख कृष्ण पक्ष के दसवें दिन संपन्न होती है। तमिलनाडु में हनुमान जयंती को हनुमथ जयंती के नाम से जाना जाता है और मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में तमिल हनुमान जयंती जनवरी या दिसम्बर माह में आती है। वहीं कर्नाटक में मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस शुभ दिन को हनुमान व्रतम के नाम से जाना जाता है।हनुमान जयंती पूजा सामग्री
हनुमान जयंती पूजा के लिए पहले ही लकड़ी की चौकी, बिछाने के लिए लाल कपड़ा, लाल लंगोट, जनेऊ, चोला, जल कलश, सिंदूर, चमेली का तेल, पंचामृत, गंगाजल, अक्षत, चंदन, गुलाब के फूलों की माला या फिर कोई अन्य लाल फूल, इत्र, भुने चने, गुड़, नारियल, केला या अन्य फल, चूरमा, पान का बीड़ा, दीपक, धूप अगरबत्ती, कपूर, घी, तुलसी पत्र, पूजा थाली एकत्र कर लेना चाहिए।ये भी पढ़ेंः
Hanuman Jayanti Upay: नहीं फल-फूल रहा कारोबार तो आजमाएं हनुमान जयंती उपाय, हर संकट होगा दूर, घर में सुख समृद्धि आएगी भरपूरहनुमान जयंती पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त से पहले उठें और स्नान ध्यान कर पूजा अर्चना करें या दूसरे शुभ मुहूर्त में बजरंगबली की पूजा करें।
- अगर आप व्रत रखना चाहते हैं तो पवनपुत्र का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प ले लें और पूजा शुरू करें।
- सबसे पहले लकड़ी की चौकी में लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर भगवान हनुमान की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- इसके बाद अनामिका अंगुली से हनुमानजी को सिंदूर लगाएं, फिर चमेली का तेल, गुलाब या लाल फूल चढ़ाने के साथ केसर युक्त चंदन, माला, चोला, जनेऊ, लाल लंगोट आदि अर्पित करें ।
- इसके बाद एक रूई में इत्र लगाकर चढ़ा दें।
- इसके बाद भोग में बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, गुड़-भीगे चने की दाल या अपनी श्रद्धा के अनुसार अर्पित करें, तुलसी दल चढ़ाएं, इसके साथ ही पान का बीड़ा चढ़ाएं।
- इसके बाद जल चढ़ाने के बाद शुद्ध घी या चमेली के तेल का दीपक, अगरबत्ती, धूप जलाकर मूर्ति के सामने 3 बार घुमाकर आरती करें।
- इसके बाद हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान मंत्र आदि का पाठ कर लें, आरती करें और पूजा पाठ में गलती से माफी मांगें।
हनुमानजी के मंत्र
- हं हनुमंते नम:।
- ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
- ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
- ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
- हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल: अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।