आषाढ़ पूर्णिमा तिथि समापनः रविवार 21 जुलाई 2024 को दोपहर 03:46 बजे
गुरु पूर्णिमा (उदया तिथि): रविवार 21 जुलाई 2024 को
गुरु पूर्णिमा पर शुभ योग (Aashadh Purnima shubh yog)
प्रीतिः पूरे दिन (अधिकांश कामों के लिए शुभ माना जाता है)सर्वार्थ सिद्धि योगः 21 जुलाई सुबह 05:46 बजे से 22 जुलाई रात 12:14 बजे तक
अशुभ योग
विष्कम्भः रात 09:11 बजे तक (यह योग पहले 3 घटी तक अशुभ है तो 3 घटी तक शुभ रहता है)गुरु पूर्णिमा का महत्व
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन महाभारत, 18 पुराण, श्रीमद्भागवत, ब्रह्मसूत्र के रचयिता कृष्णद्वैपायन वेदव्यास का जन्म हुआ था। इस दिन लोग व्यासजी की जयंती मनाते हैं। इसके अलावा बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध ने वाराणसी के सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। इसी कारण गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं। इसलिए इस दिन को गुरु पूजन दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।गुरु पूजन विधि (guru pujan vidhi)
- गुरु पूर्णिमा पर प्रातःकाल स्नान पूजा आदि नित्यकर्म करने के बाद शुद्ध कपड़े पहनें।
- फिर व्यास जी के चित्र को सुगंधित फूल या माला चढ़ाकर अपने गुरु के पास जाएं, उन्हें ऊंचे सुसज्जित आसन पर बैठाकर पुष्पमाला पहनाएं।
- इसके बाद वस्त्र, फल, फूल और माला अर्पित कर कुछ दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लें।
गुरु पूर्णिमा पर क्या करें - गुरु पूर्णिमा पर गुरु के साथ परिवार के बड़ों माता-पिता, भाई-बहन आदि को भी गुरु तुल्य समझकर पूजा कर सकते है।
- इस दिन अपने गुरु से गुरु मंत्र ले सकते हैं और इस दिन गुरुजनों का यथासंभव सेवा करना चाहिए।