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माता गायत्री के मंत्र जाप से होते हैं ये खास फायदे, जानें कब क्या करें?

नौकरी की समस्या से लेकर आंखों की तकलीफ व बीमारियों से भी मिलता है छुटकारा!…

Jul 18, 2020 / 03:00 pm

दीपेश तिवारी

Great benifits of doing jaap of gayatri mantra

Great benifits of doing jaap of gayatri mantra

सनातन धर्म में गायत्री मां से ही चारों वेदों की उत्पति मानी जाती हैं। इसलिये वेदों का सार भी गायत्री मंत्र को माना जाता है। मान्यता है कि चारों वेदों का ज्ञान लेने के बाद जिस पुण्य की प्राप्ति होती है अकेले गायत्री मंत्र को समझने मात्र से चारों वेदों का ज्ञान मिलता जाता है

वहीं वेद-पुराणों के अनुसार, गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है, जो अन्य कई मंत्रों से कहीं अधिक प्रभवाशाली बताया गया है, इसकी महिमा इतनी बताई गई है कि इसे ओम के बराबर माना गया है।

चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियां सभी गायत्री से ही पैदा हुए माने जाते हैं। वेदों की उत्पति के कारण इन्हें वेदमाता कहा जाता है, ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं की आराध्य भी इन्हें ही माना जाता है इसलिये इन्हें देवमाता भी कहा जाता है। समस्त ज्ञान की देवी भी गायत्री हैं इस कारण गायत्री को ज्ञान-गंगा भी कहा जाता है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार माना जाता है कि गायत्री मंत्र का उच्चारण करने और इसका अर्थ समझने से साक्षात ईश्वर की प्राप्ति होती है। हालांकि गायत्री मंत्र का जप करते वक्त कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए तभी इस मंत्र का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।
गायत्री मंत्र: ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।

अर्थात: उस प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का हम ध्यान करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें।
कब करें गायत्री का जाप
वेद-पुराणों में इस जप को करने के लिए तीन समय उपयुक्त बताए गए हैं। पहला समय प्रात:काल का, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले गायत्री मंत्र का जप शुरू करके सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए, दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है शाम का सायंकाल में सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना अच्छा माना गया है।
इन तीन समय के अलावा यदि गायत्री मंत्र का जप कभी और करना हो कर सकते हैं लेकिन ऐसी स्थिति में मौन रहकर जप करना चाहिए। मंत्र जप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।

गायत्री मंत्र जाप शुभ फलदायी…
पंडित शर्मा के अनुसार गायत्री मंत्र के उच्चारण से हम अपने क्रोध को शांत कर सकते हैं, वहीं गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से शरीर की अनेक बीमारियों से भी छुटकारा मिल सकता है। ऐसा माना गया है कि इसके उच्चारण से रक्त का संचार सही तरह से होता है इसके अलावा अस्थमा रोगियों के लिए भी इसका जप यह बेहद लाभकारी बताया है। साथ ही साथ त्वचा के लिए भी यह फायदेमंद होता है, इससे त्वचा में निखार आता है।

: वहीं ज्योतिष में माना जाता है कि गायत्री मंत्र विशेषकर सूर्य देव के लिए होता है, इसके उच्चारण कुंडली सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और ज्योतिषशास्त्र की मानें तो कुंडली में सूर्य का मजबूत होना मान सम्मान और सरकारी कामों के लिए अवश्य है। इसलिए माना जाता है कि सूर्य को प्रसन्न करने के लिए गायत्री मंत्र का उच्चारण अवश्य करें।

: किसी दिन में शुभ काल देखकर दूध, दही, घी, और शहद मिलाकर 1000 बार गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ हवन करें, माना जाता है कि ऐसा करने से आंखों का रोग एवं पेट का रोग खत्म हो जाएगा। आंखों की रोशनी तेज होती है।

: इसके अलावा पढ़ने-लिखने वाले बच्चों के साथ यह आम समस्या होती है कि वे याद किया हुआ जल्दी भूल जाते है या फिर पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यह माना गया है कि गायत्री मंत्र का उच्चारण करना उनके लिए बहुत ही लाभदायक होता है। जिनकी स्मरण शक्ति कमजोर होती है उन विद्यार्थियों के लिए गायत्री मंत्र बहुत ही असरकारी होता है। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का उच्चारण इन सभी परेशानियों से छुटकारा तो दिलाता ही है साथ ही इससे ज्ञान में भी बढोतरी होती है।

: वर्तमान समय में बिजनस में परेशानी आना, बेरोजगारी, कम आय मिलना, किसी कार्य में सफलता न मिलना आदि इन सभी समस्याओं से गुजरना पड़ता है लेकिन ज्योतिषविद्या में इन सबके लिए गायत्री मंत्र का जप करना असरकारी बताया गया है। अर्थात् जीवन की परशानियों से निपटने के लिए गायत्री मंत्र का उच्चारण अवश्य करें।

: पं. शर्मा के अनुसार ज्योतिषशास्त्र में गायत्री मंत्र का एक बेहद आसान उपाय बताया गया जिससे हमें वाकई लाभ मिल सकता है। इसके अनुसार जब भी कभी हवन करें तो गायत्री मंत्र के साथ नारियल का बुरा तथा घी का प्रयोग करने से शत्रुओं से छुटकारा पाया जा सकता है और अगर नारियल के बुरे में शहद भी मिला कर डाला जाए तो हमारा सोया हुआ नसीब भी चमक जाता है।

: यदि किसी दंपत्ति को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही हो या फिर संतान बीमार रहती हो तो इस समस्या से निपटने के लिए पति-पत्नी को श्वेत रंग के कपड़े पहन कर ‘यौं’ बीज मंत्र के साथ गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिए, ऐसा करने से वाकई संतान प्राप्ति के साथ संतान को रोगों से मुक्ति भी मिलती है।

: वास्तुशास्त्र के अनुसार, जहां कहीं भी वास्तुदोष होता है तो या घर के जिस हिस्से में ये दोष होता है वहां से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है, यह हमारे दिमाग पर भी असर डालती है। ऐसे में, ज्योतिषविद्या कहती है कि इस मंत्र का प्रतिदिन उच्चारण अवश्य करें क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म होता है।

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