1- सभी प्रकार की पूजा में चावलों को बड़ा महत्तव हैं, और हर देवी देवता की पूजा में चावल विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं । शास्त्र कहते है कि पूजन के लिए ऐसे चावल का उपयोग करना चाहिए जो अखंडित, यानी टूटे हुए ना हो । चावल चढ़ाने से पहले इन्हें हल्दी से पीला करना बहुत शुभ माना गया है । इसके लिए थोड़े से पानी में हल्दी घोल लें और उस घोल में चावल को डूबोकर पीला कर फिर भगवान को चढ़ाने से उनकी कृपा बरसने लगती हैं ।
2- पूजन में पान का पत्ता भी रखना चाहिए, ध्यान रखें पान के पत्ते के साथ इलाइची, लौंग, गुलकंद आदि भी चढ़ाना चाहिए, पूरा बना हुआ पान चढ़ाएंगे तो श्री भगवान प्रसन्न होंगे जिससे आपका श्रेष्ठ होगा ।
3- पूजन कर्म में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय कि पूजा के बीच में दीपक बुझ जाता है तो बुझी हुई बत्ती को तुरंत बदल देना चाहिए, और दीपक में हमेशा गाय के घी का ही उपयोग करना चाहिए ।
4- किसी भी भगवान की पूजा में उनका आवाहन, ध्यान करना, आसन देना, स्नान करवाना, धूप-दीप जलाना, अक्षत (चावल), कुमकुम, चंदन, पुष्प (फूल), प्रसाद आदि अनिवार्य रूप से करना चाहिए । देवी-देवताओं को हार-फूल, पत्तियां आदि अर्पित करने से पहले एक बार साफ पानी से अवश्य धो लेना चाहिए ।
5- किसी भी प्रकार के पूजन में कुल देवता, कुल देवी, घर के वास्तु देवता, ग्राम देवता आदि का ध्यान करना भी आवश्यक है । इन सभी का पूजन भी करना चाहिए । पूजन में हम जिस आसन पर बैठते हैं, उसे पैरों से इधर-उधर खिसकाना नहीं चाहिए, आसन को हाथों से ही खिसकाना चाहिए ।
6- यदि प्रतिदिन गाय के घी का एक दीपक घर में जलाएंगे तो घर के कई वास्तु दोष भी दूर हो जाएंगे । घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती उपयोग किया जाना चाहिए। जबकि तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बत्ती श्रेष्ठ बताई गई है । सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु, ये पंचदेव कहलाते हैं, इनकी पूजा सभी कार्यों में अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए । प्रतिदिन पूजन करते समय इन पंचदेव का ध्यान करना चाहिए, इससे महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है ।
7- घर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए । घर में पूजन स्थल के ऊपर कोई कबाड़ या भारी चीज न रखें।
8- भगवान शिव को हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए और न ही शंख से जल चढ़ाना चाहिए । पूजन स्थल पर पवित्रता का ध्यान रखें, चमड़े का बेल्ट या पर्स अपने पास रखकर पूजा न करें, पूजन स्थल पर कचरा इत्यादि न जमा हो पाए, ऐसा होने पर घर में दरिद्रता का वास होता हैं ।