महाशिवरात्रि विशेषः भगवान शिव के दो पुत्र ही नहीं, एक पुत्री भी है
शिव परिवार में केवल भगवान नीलकंठ, मां पार्वती तथा उनके दो पुत्र,
कार्तिकेय व गणेश माने जाते हैं, परन्तु बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी एक
पुत्री भी है
भगवान शिव के परिवार को भारतीय संस्कृति में आदर्श गृहस्थ परिवार माना जाता है, जहां जीवन के चारों लक्ष्य धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष एक साथ विद्यमान है। उनके परिवार में चूहा, सर्प तथा मोर जैसे शत्रु भी एक साथ मिलकर रहते हैं। शिव परिवार में केवल भगवान नीलकंठ, मां पार्वती तथा उनके दो पुत्र, कार्तिकेय व गणेश माने जाते हैं। परन्तु बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी एक पुत्री भी है जिसका नाम अशोक सुंदरी है।
ये है शिव पुत्री अशोक सुंदरी की कहानी
प्रचलित लोक मान्यताओं के अनुसार एक बार मां पार्वती ने कल्पवृक्ष (सबकी इच्छाएं पूरी करने वाला वृक्ष) से अपने लिए कन्या प्राप्ति का वरदान मांगा, जिसके फलस्वरूप उन्हें एक पुत्री प्राप्त हुई। इस पुत्री का नाम अशोक सुंदरी रखा गया। कालान्तर में अशोक सुंदरी का विवाह पृथ्वी के राजा नहुष से हुआ, इस विवाह के फलस्वरूप अशोक सुंदरी ने ययाति जैसे वीर पुत्र तथा सौ रुपवती कन्याओं को जन्म दिया।
ये हैं शिव परिवार के अन्य सदस्य
अशोक सुंदरी के अतिरिक्त शिव परिवार के अन्य सभी सदस्य देवताओं के रूप में पूजे जाते हैं तथा सभी को प्रमुख पद प्राप्त है। भगवान शिव को जहां एक कालस्वरूप मान कर सर्वशक्तिमान ईश्वर है, वहीं मां पार्वती को जगतजननी आदिशक्ति की उपमा दी गई है। उनके बड़े पुत्र कार्तिकेय देवताओं के सेनापति हैं। इसी प्रकार किसी भी शुभ कार्य के पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
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