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धर्म-कर्म

सूर्य देव की कृपा चाहते हैं तो अर्घ्य देते में अवश्य करें ये काम

इन नियमों का पालन करना है जरूरी…

Aug 01, 2020 / 03:11 pm

दीपेश तिवारी

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कलयुग के एकमात्र प्रत्यक्ष देव व ग्रहों के राजा सूर्य को आदिपंच देवों में से एक माना जाता है। वहीं सूर्य को ही आपके मान सम्मान का कारक ग्रह भी माना गया है, साथ ही कुंडली में ये आत्मा के कारक भी माने गए है।

सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय तो हैं ही, वहीं सूर्य की प्रसन्नता न केवल हमें मान सम्मान दिलाती है, बल्कि यह तक माना जाता है कि सूर्य की कृपा से यदि आपकी आंख में कुछ कमजोरी है तो उसे भी दूर किया जा सकता है।

इस संबंध में ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि यदि आपकी नजर कमजोर है या आंख से संबंधित कोई परेशानी है, तो आपको हर रोज ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य को जल अवश्य देना चाहिए। लेकिन इसके कुछ नियम भी हैं, जिनकी पालना आवश्यक है। इसके अलावा ये विधि आपके सूर्य को मजबूती भी देती है।

पंडित शर्मा के अनुसार कई बार लोगों को सूर्य को जल देने पर भी कोई ज्यादा लाभ नहीं होता तो वे इस कर्म पर ही सवाल पैदा करना शुरु कर देते हैं, जबकि वे जानकारी के आभाव में सूर्य को जल देने के नियमों का पालन नहीं करते, जिसके कारण उन्हें इसका पूर्ण असर प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में कुछ खास नियम इस प्रकार हैं…

: सूर्य को हमेशा उगते हुए जल यानि अर्घ्य दें। ये स्थिति ब्रह्म मुहूर्त में श्रेष्ठ मानी गई है।

: अर्घ्य देने से पहले स्नान कर लें, और कम से कम कपड़ो में अर्घ्य दें यानि इस दौरान कोई सिला हुआ कपड़ा न पहनें। साथ ही जहां तक हो सके इस समय पैर खुले हुए यानि बिना वस्त्र के होने चाहिए।

: अर्घ्य तांबे के पात्र से दें, और अर्घ्य देते से जल की धारा के बीच से सूर्यदेव के दर्शन करें, वहीं जल के जमीन में गिरने के बाद जितना हो सके उसे छीटें आपके पैरों पर पड़ें।

: अर्घ्य के समय पात्र में या पात्र के मुंख पर जहां से जल दें वहां रोली अक्षत भी होने चाहिए, साथ ही एक लाल फूल भी पात्र में होना चाहिए।

: वहीं सूर्य को जल देते समय इस मंत्र का जाप भी करना चाहिए —
मंत्र : ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।
अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।‘ (11 बार)

मजबूत या उच्च का सूर्य
पं. शर्मा के अनुसार वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत सूर्य को प्रसिद्धि, सामाजिक मान-सम्मान, राजनैतिक पद, पिता से स्नेह गुरु जनों का प्रेम आदि प्रदान करने वाले ग्रह का दर्जा दिया गया है। माना जाता है जिस जातक की कुंडली में सूर्य बलवान होता है उसे यश और शोहरत की कोई कमी नहीं होती,वह अपने पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों से लाभ प्राप्त प्राप्त करता है… साथ ही साथ वह सामाजिक मान-सम्मान का भी हकदार बनता है।

पीड़ित या नीच का सूर्य
ज्योतिष के अनुसार यदि सूर्य पीड़ित, कमजोर या नीच का होता है तो इसके विपरीत परिणाम देखने को मिलते हैं… साथ ही साथ घर में रखा सोना खो जाना, सामाजिक अपमान, हृदय की कमजोरी, पेट और नेत्रों के रोग, पिता से मनमुटाव, कानूनी विवाद में फंसना…. आदि जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं।

सूर्य को ऐसे करें बली
ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है… इसलिए एक खुशहाल जीवन के लिए इसकी मजबूती अनिवार्य है। शास्त्रों में सूर्य को मजबूत करने के लिए उसे अर्घ्य देने का विधान बताया है। साथ ही साथ कुछ ऐसे उपाय भी हैं जिन्हें करने से कुंडली में मौजूद सूर्य शांत और बली होते हैं।

सूर्य को मजबूत करने के उपाय:
जिन जातकों की कुंडली में मौजूद सूर्य पीड़ित या कमजोर हैं उन्हें अपने स्नान करने के जल में खसखस या लाल रंग का फूल मिलाकर स्नान करना चाहिए, ऐसा करने से सूर्य के गुणों में वृद्धि होती है,.. साथ ही ऐसा माना गया है कि इस उपाय से जातक के पिता की सेहत में भी सुधार होता है और उसका अपने पिता से रिश्ता मजबूत होता है।

प्रत्येक रविवार या प्रत्येक माह सूर्य के राशि परिवर्तन करने पर अगर सूर्य की वस्तुओं, जैसे तांबा, गुड़, मसूर की दाल, गेहूं आदि का दान किया जाता है तो यह भी जातक की कुंडली एमं सूर्य की मौजूदगी को मजबूत करता है। एक बात ध्यान रहें कि दान करते समय आपकी भावना और विचार पूरी तरह शुद्ध हो अन्यथा दान का पुण्य आपको प्राप्त नहीं होगा।
सूर्य मंत्र का जाप करना जातक को विशेष रूप से लाभ पहुंचाता है…
अगर आप भी सूर्य से पीड़ित या उसकी कमजोरी की वजह से परेशान हैं तो आपको ‘ॐ घृणि: सूर्य आदित्य नम:’ का जाप करना चाहिए। यह मंत्र प्रत्येक रविवार 10, 20, 108 की संख्या में किया जा सकता है।

: सूर्य को मजबूत करने का एक उपाय यह भी है कि एक तांबे का टुकड़ा लेकर उसे दो भागों में काट लें.. एक भाग को बहते जल में प्रवाहित कर दें और दूसरे को ताउम्र अपने साथ रखें।
सूर्य को मजबूत करने के लिए अन्य उपाय भी किए जा सकते हैं जैसे भगवान विष्णु की आराधना, रविवार का व्रत रखना, मीठा खाने के बाद पानी पीकर ही घर से निकलना, पिता का सम्मान करना, गाय को भोजन करवाना, गायत्री मंत्र का जाप।
सूर्य का रत्न है माणिक्य…
अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर या पीड़ित है तो आप किसी अच्छे ज्योतिष की सलाह से माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं। लाल रंग के इस रत्न को अंग्रेजी में रूबी के नाम से जाना जाता है।

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