धार जिला भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रदेश के उन जिलों में शामिल है जहां उसे खासी चुनौती मिली। जिले में सिर्फ 2 सीटों पर ही कब्जा है। सरदारपुर विधानसभा सीट फिलहाल कांग्रेस की झोली में है। कांग्रेस ने जीता था पहला चुनाव सरदारपुर विधानसभा के चुनाव के संदर्भ में जानकारों व राजनीति विशेषज्ञ को कहना है 1957 में यह सीट वजूद में आई थी। विधानसभा चुनाव हुए तो उस दौरान कांग्रेस, बीजेएस और दो प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव में उतरे थे। पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिली। यहां पर कांग्रेस के शंकरलाल गर्ग पहली बार सरदारपुर विधायक बनने। 1962 में सरदारपुर विधानसभा का सबसे बेहद रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था। यहां पर जनसंघ से सुमेरसिंह मैदान में उतरे थे तो कांग्रेस ने अपनी सीट बचाने के लिए एक बार फिर शंकरलाल गर्ग पर विश्वास जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा। इस चुनाव में लोगों की सांसे ऊपर-नीचे हुई। जनसंघ के सुमैर सिंह को 7 हजार 324 मत मिले और कांग्रेस के शंकरलाल गर्ग 6 हजार 966 मत मिले थे। सुमेरसिंह ने यह चुनाव मात्र 358 मतों से जीता था।
1985 में बीजेपी को पहली जीत मिली
सरदारपुर सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डाली जाए तो पिछले सात चुनावों में से यहां से कांग्रेस को 5 बार जीत मिल चुकी है जबकि बीजेपी के खाते में 3 बार ही जीत आई है। 1985 के चुनाव में बीजेपी को पहली जीत मिली थी तो 1993 के चुनाव में यह जीत कांग्रेस के पक्ष में गई। 1998 में बीजेपी जीती तो 2003 में जीत कांग्रेस के पक्ष में चली गई।
सरदारपुर विधानसभा में अब तक रहे
विधायक वर्ष नाम पार्टी
– 1957 शंकरलाल गर्ग कांग्रेस
– 1962 सुमेर सिंह जेएस
– 1967 बाबू सिंह बीजेएस
– 1972 बाबूसिंह अलावा कांग्रेस
– 1977 मूलचंद पटेल कांग्रेस
– 1980 हाजी इनायत मोहम्मद कांग्रेस
– 1985 ओंकारप्रसाद तिवारी बीजेपी
– 1990 ओंकारप्रसाद तिवारी बीजेपी
– 1993 गणपतसिंह बिछिया कांग्रेस
– 1998 ओंकारप्रसाद तिवारी बीजेपी
– 2003 रविंद्र सुका महाजन कांग्रेस
– 2008 प्रताप ग्रेवाल कांग्रेस
– 2013 वेलसिंह भूरिया भाजपा
– 2018 प्रताप ग्रेवाल कांग्रेस
सरदारपुर विधानसभा
– कुल मतदाता 226405
* पुरुष 112432
* महिला 113967
* अन्य 6
– मतदान केंद्र-273
ये भी पढ़ें : मतदान से सात दिन पहले घर पहुंच जाएगी वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप, लेकिन ध्यान दें साथ लाना होगी ये IDये भी पढ़ें : यहां जनता ने हाथ को 7 तो, कमल को 4 बार सौंपी सत्ता की चाबी