शिवराज का आरोप- कांग्रेस का जासूसी का इतिहास, यूपीए सरकार में हर माह टेप किए जाते थे 9000 फोन कॉल्स दरअसल एक हार्स राइडिंग टीचर की निजी स्कूल से नौकरी छूट गई। छह माह से वेतन भी नहीं मिला। जब उसने अपने ठेकेदार से वेतन मांगा तो वह घोड़ा देकर कुछ दिन में आने का बोलकर चला गया। उसके बाद वह वापस नहीं लौटा। अब बेरोजगार खुद के अलावा घोड़े का खर्च भी वहन कर रहा है। हिमालय स्कूल में हॉर्स राइडिंग के ठेकेदार सचिन राठौर के अधीनस्थ कार्य करने वाले अर्जुन कटारे को न तो वेतन मिल रहा है ना ही घोड़ा वापस ले जा रहा है।
लोकायुक्त के घेरे में रिश्वतखोर इंजीनियर, 3 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा अर्जुन के पिता मोहन कटारे ने बताया कि 15 दिन से घोड़ा हमारे पास है। हमारा बेटा जब मात्र 14 साल का था तब से वहां पर कार्य कर रहा है। अर्जुन ने लॉक डाउन में भी वहां पर लगातार कार्य किया। ऐसे में घोड़ा तो अपने घर कुंडा ग्राम में लेकर आ गए लेकिन उसके खर्च को वहन नहीं कर पा रहे है। 18 हजार रुपए मालिक से लेना बाकी है लेकिन अब प्रतिदिन देखरेख में 100 रुपए से अधिक का खर्च करना पड़ रहा है।
TCS Infosys को कड़ा नोटिस, जमीन ली पर पूरा नहीं किया वादा स्कूल प्रबंधक ने मामले में अपनी जिम्मेदारी को नकार रहा है। वेतन की बात को लेकर हिमालय स्कूल के जवाबदारों से भी चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि हार्स राइडिंग का ठेका स्कूल द्वारा दिया हुआ था। स्कूल प्रबंधक का कोई लेना-देना नहीं है। इस संबंध में ठेकेदार सचिन राठौर ने बताया एक-दो दिन में घोड़े को ले जाएंगे और बचा वेतन दे देंगे।